वाराणसी (ब्यूरो)। केंद्र सरकार की ओर से वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त भारत अभियान चलाया जा रहा है। देश में एक भी टीबी के पेशेंट न बचे, इसके लिए केंद्र से लेकर राज्य और जिले तक तमाम योजनाएं संचालित कर युद्ध स्तर का काम किया जा रहा है। लेकिन, कुछ प्राइवेट हॉस्पिटल और चिकित्सकों की लापरवाही से सरकार की इस मुहिम को पलीता लग रहा है। डिस्ट्रिक्ट हेल्थ डिपार्टमेंट के तमाम प्रयास के बाद भी प्राइवेट प्रैक्टिसनर्स और हॉस्पिटल टीबी पेशेंट का डाटा छिपा रहे हैं। ऐसे चिकित्सकों पर नोटिस देने के बाद भी कोई असर नहीं पड़ रहा है, लेकिन अब इनकी मनमानी नहीं चलेगी। स्वास्थ्य विभाग ने इन पर कार्रवाई करने का मन बना लिया है।
जिम्मेदारी न निभाने पर कानूनी कार्रवाई
राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत सभी टीबी पेशेंट (निजी तथा सरकारी अस्पतालों) का निक्षय पोर्टल पर नोटिफिकेशन करना अनिवार्य है। निक्षय पोर्टल पर निजी चिकित्सक स्वयं टीबी पेशेंट का पंजीकरण कर उन्हें 100 फीसदी नोटिफिकेशन करने को कहा गया है। अब ऐसा न करने पर उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल अब तक 15 निजी चिकित्सकों को नोटिस जारी किया गया है। साथ ही उन चिकित्सकों से पूछा गया कि इस लापरवाही के लिए उन पर कार्रवाई क्यों न की जाए। स्पष्टीकरण के लिए एक सप्ताह का समय दिया गया है। सीएमओ डॉ संदीप चौधरी ने कहा कि जिले में निजी चिकित्सकों, चिकित्सालयों, मेडिकल स्टोर या लैब को टीबी पेशेंट के पंजीकरण की जिम्मेदारी स्वयं ही निभानी होगी। अन्यथा भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 269 व 270 के अंतर्गत कार्रवाई की जाएगी.
नोटिफिकेशन करने के लिए 500 रुपये
जिला क्षय रोग अधिकारी (डीटीओ) डॉ पीयूष राय ने बताया कि प्राइवेट सेक्टर में नोटिफिकेशन बढ़ाने के लिए निजी चिकित्सकों को लगातार सूचित किया जा रहा है। इसके बावजूद कुछ निजी चिकित्सक नोटिफिकेशन में रुचि नहीं दिखा रहे हैं। निजी चिकित्सकों को प्रति क्षय रोगी के नोटिफिकेशन करने के लिए 500 रुपये और उपचार पूरा होने पर आउटकम देने के लिए भी 500 रुपये दिये जाते हैं। उन्होंने कहा कि जिन निजी चिकित्सालयों व चिकित्सकों के अंतर्गत क्षय रोगियों का उपचार चल रहा है, उस चिकित्सालय/चिकित्सक से नामित व्यक्ति ही निक्षय पोर्टल पर क्षय रोगियों के पंजीकरण का कार्य करेंगे। साथ ही उनके नमूनों की जांच के लिए स्पुटम (बलगम) कलेक्शन और अस्पताल पर ही सैम्पल पैकेजिंग का भी काम करेंगे।
प्राइवेट सेक्टर में सिर्फ 3822 टीबी पेशेंट
डीटीओ ने बताया कि इस साल अब तक जनपद के 15 निजी चिकित्सकों को क्षय रोगियों के नोटिफिकेशन न करने पर नोटिस भेजा जा चुका है। पिछले साल 37 निजी चिकित्सकों को नोटिस जारी कर चेतावनी दी गई। जनपद में इस साल अब तक पब्लिक सेक्टर में 7037 और प्राइवेट सेक्टर में सिर्फ 3822 टीबी पेशेंट नोटिफ़ाई किए गए जोकि पब्लिक सेक्टर के सापेक्ष बेहद कम है। सभी निजी चिकित्सकों व संस्थान से राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम में पूर्ण सहयोग प्रदान करने की अपील की गई है। शासन के निर्देश के क्रम में नये टीबी पेशेंट का नोटिफिकेशन कराना विभाग की जिम्मेदारी है.
यहां किया जा सकता है संपर्क
निक्षय पोर्टल पर नोटिफिकेशन से संबंधित किसी भी प्रकार की आवश्यकता होने पर डीपीपीएमसी नमन गुप्ता (8840285287) से संपर्क किया जा सकता है.
प्राइवेट सेक्टर में नोटिफिकेशन बढ़ाने के लिए निजी चिकित्सकों को लगातार सूचित किया जा रहा है। बावजूद इसके कुछ डाक्टर नोटिफिकेशन में रुचि नहीं दिखा रहे हैं। ऐसे 15 लोगों को नोटिस जारी किया गया है। जवाब न मिलने पर कानूनी कार्रवाई होगी.
डॉ। पीयूष राय, डीटीओ