वाराणसी (ब्यूरो)। जीआईएस सर्वे में सिटी के मकानों का टैक्स दो से तीन गुना होने के बाद शहर की जनता हैरान है। नोटिस मिलने के बाद लोग हैरान परेशान हैं। उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि इतना टैक्स कैसे बढ़ गया। नोटिस जारी होने के बाद लोगों की आपत्तियों के लिए नगर निगम ने जोन कार्यालयों में हेल्प डेस्क खोला है, जहां लोग अपनी आपत्ति दाखिल कर सकते हैं। लेकिन, जानकारी के अभाव में लोग वहां तक पहुंच ही नहीं पा रहे हैं। लोग नोटिस लेकर अपने पार्षदों के पास पहुंच रहे हैं। लगातार आते लोगों को देखकर पार्षदों ने भी हेल्प डेस्क खोल लिया है। उनका कहना है कि लोगों की आपत्तियां लेकर नगर निगम में दर्ज करा दिया जाएगा.
आपत्तियों की बाढ़
सर्वे के बाद धड़ाधड़ लोगों को नोटिस भेजे गए। जिन्हें नोटिस मिला वे बढ़ा गृहकर देखकर हैरान-परेशान हैं। उनको समझ में नहीं आ रहा है कि किधर जाएं। कई तो अपने पार्षदों से शिकायत दर्ज करा रहे हैं। इसको देखते हुए कई पार्षदों ने अपने जोन में ही हेल्प डेस्क बना रखे हैं। कई पार्षद हेल्प डेस्क बनाने जा रहे हैं। हेल्प डेस्क के माध्यम से जितनी भी आपत्तिया आएंगी उसे वे नगर निगम में दर्ज कराएंगे। जिनको नहीं जानकारी उन्हें बताएंगे।
एक महीने का समय
नगर आयुक्त ने एक महीने में आपत्तियों के निस्तारण का समय दिया है। हालांकि इसके बारे में अधिकतर जनता को जानकारी नहीं है। नगर आयुक्त का कहना है कि नोटिस के बाद जो लोग आपत्ति दाखिल करेंगे, एसेसमेंट के बाद जो टैक्स आएगा उसे जमा करना होगा.
2010 से नहीं बढ़ा टैक्स
नगर आयुक्त का कहना है कि 2010 से मकानों का टैक्स नहीं बढ़ाया गया है। जीआईएस सर्वे में जितना मकान के हिसाब से टैक्स बढ़ाया गया है। इसको लेकर किसी को आपत्ति है तो वह नगर निगम में दर्ज करा सकता है। जोन के कार्यालय में भी आम पब्लिक अपनी आपत्तियों को दर्ज करा सकते हैं.
नोटिस को लेकर आम जनता परेशान है। कई लोग नोटिस लेकर आए थे। उनकी आपत्ति को अपने यहां रख लिया है। इसे नगर निगम में दर्ज करा दिया जाएगा.
चन्द्रनाथ मुखर्जी, पार्षद
आम पब्लिक की सुविधा के लिए अपने यहां ही हेल्प डेस्क खोल रखे हैं। जो भी नोटिस लेकर आ रहा है उनकी समस्याओं को सुना जा रहा है.
बबलू शाह, पार्षद
जीआईएस सर्वे के बाद बढ़े हुए गृहकर का नोटिस काफी तेजी से लोगों को जारी किया जा रहा है। नोटिस मिलने के बाद आपत्ति भी दर्ज होगी इसके बारे में बहुत कम लोगों को पता है.
सुनील गुप्ता, पार्षद
आपत्तियों की सुनवाई के लिए एक महीने का समय दिया गया है। जिनकी आपत्ति आ रही है उनका एसेसमेंट किया जाएगा। इसके बाद जो कर आएगा उसे जमा करना होगा.
शिपू गिरि, नगर आयुक्त