वाराणसी (ब्यूरो)। जिला प्रशासन व वीडीए में आपसी समन्वय नहीं दिख रही है। डीएम के आदेश के बावजूद बड़े भूखंडों पर सर्किल रेट के हिसाब से छूट नहीं दी जा रही है। आवेदकों पर अनावश्यक रूप से अतिरिक्त पैसे के लिए दबाव बनाया जा रहा है। अब आम जतना के बाद बिल्डरों ने वीडीए उपाध्यक्ष अभिषेक गोयल के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। पूर्वांचल रियल स्टेट एसोसिएशन-क्रेडाई के पदाधिकारियों ने स्टांप व पंजीयन मंत्री रवींद्र जायसवाल को पत्रक सौंपा, जिसमें वीडीए पर गलत तरीके से शमन शुल्क, शेल्टर फीस, बिक्री एफएआर एवं कंपाउंङ्क्षडग रेट बड़े भूखंडों के अनुसार देने का दबाव बनाया जा रहा है। पूर्ववत आदेश के तहत शमन शुल्क व शेल्टर फीस नहीं ली गई तो बिल्डर आंदोलन करने को बाध्य होंगे। मंत्री ने बिल्डरों को भरोसा दिलाते हुए कहा कि इस बारे में वीडीए वीसी से पूछा जाएगा। उनकी मनमानी नहीं चलेगी.
वीडीए की मनमानी
चेयरमैन अनुज डीडवानिया ने कहा कि वीडीए की मनमानी के बावजूद एसोसिएशन काशी के विकास में पूरी सहभागिता प्रदान करता रहेगा। महासचिव आकाशदीप ने कहा कि पांच मई 2022 को जिलाधिकारी ने बड़े अकृषक भूखंडों के मूल्यांकन के लिए आदेश जारी किया है। 500 वर्ग मीटर से 1000 वर्ग मीटर तक के क्षेत्रफल के भूखंडों पर 10 प्रतिशत, 1000 वर्ग मीटर से 2000 वर्ग मीटर तक के भूखंडों पर 20 प्रतिशत और 2000 वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्रफल के भूखंडों का निर्धारित अकृषक दरों में 30 प्रतिशत की कमी कर मूल्यांकन देय होगा। फिर भी वीडीए द्वारा प्रस्तावित मानचित्रों में शुल्कों की गणना नहीं की जा रही है। इससे बिल्डरों पर अतिरिक्त भार पड़ेगा और फ्लैट की कीमत बढ़ जाएगी। इसके चलते बिल्डर नए प्रोजेक्ट के बारे में नहीं सोच पा रहे हैं। प्रतिनिधिमंडल में आरसी जैन, अनुज डिडवानिया, आकाशदीप, जीत सिन्हा आदि शामिल थे.