वाराणसी (ब्यूरो)। शहर में बढ़ते एयर और साउंड पाल्यूशन को कंट्रोल करने के लिए चार और स्थानों पर मानिटरिंग स्टेशन बनाए जाएंगे। इसके लिए जगह की तलाश की जा रही है। जगह मिलते ही स्टेशन बनाए जाएंगे। शहर में एयर पाल्यूशन तो काफी हद तक कंट्रोल हुआ लेकिन चौराहों पर साउंड पाल्यूशन बढ़ रहा है। इसको देखते हुए नगर निगम और प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के अफसरों ने मिलकर शहर में सर्वे किया था।

सात स्थानों पर स्टेशन

प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड शहर के सात स्थानों से एयर प्रदूषण, साउंड पाल्यूशन की निगरानी करता है। इनमें बीएचयू, भेलूपुर, चांदपुर, अर्दलीबाजार, मलदहिया समेत सात स्थानों पर मानिटरिग स्टेशन बनाए गए है। जिस प्रकार से शहर में साउंड बढ़ रहा है इसको लेकर चार स्थानों पर मानिटरिंग स्टेशन बनाने की बात चल रही है। प्रदूषण विभाग के आंकड़ों के मुताबिक वाराणसी वायु प्रदूषण के मामले में ग्रीन जोन में जबकि साउंड पाल्यूशन के मामले में यलो जोन में बना हुआ है।

प्रदूषण खत्म करने पर किया जा रहा कार्य

शहर के नदियों के प्रदूषण को कम करने के लिए एसटीपी के प्लान को लागू करने की बात चल रही है। इसके बाद अब शहर में एयर और ध्वनि प्रदूषण को भी कंट्रोल करने पर मंथन चल रहा है। इसके लिए पिछलों दिनों नगर निगम व प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की टीम ने संयुक्त रूप से शहर के कई चौराहों, मोहल्लों व गलियों में जांच की तो पाया कि ध्वनि प्रदूषण काफी अधिक है।

जीआईएस सिस्टम से कार्य शुरू

नगर निगम के अधिकारी अजय कुमार की मानें तो शहर के अलग-अलग रास्तों, चौराहों, गलियों और शहर के अधिकांश हिस्सों की जीआईएस (ज्योग्राफिकल इंफार्मेशन सिस्टम) मैपिंग करने का काम शुरू हो चुका है। यह शहर के उन प्वाइंट को उजागर करेगा जहां वायु और ध्वनि प्रदूषण का स्तर मानक से ज्यादा है। यहां पर ध्वनि के साथ एयर पाल्यूशन को खत्म किया जाएगा, क्योंकि बनारस में एयर और साउंड प्रदूषण को कंट्रोल करने के लिए केंद्र व प्रदेश सरकार दोनों मिलकर खत्म करना चाह रही हैैं।

प्रदूषण कंट्रोल को चलेगा अभियान

नगर आयुक्त शिपू गिरी की मानें तो शहर में प्रदूषण रोकथाम के लिए अभियान चलाए जाएंगे। इसके लिए नगर निगम जगह-जगह पर मैपिंग के जरिए पॉल्यूशन के मानकों का पता लगाने का कार्य कर रहा है। इस कार्य के लिए 4 सदस्यीय टीम लखनऊ से बनारस आई थी और एयर पॉल्यूशन ग्रुप की इस टीम ने शहर के प्रमुख मार्गों और चौराहों का जीआईएस मैपिंग के लिए सर्वे शुरू किया है। अब तक शहर में 2 दर्जन से ज्यादा प्वाइंट चिन्हित किए गए हंै। इनकी संख्या अभी और बढ़ेगी।

चार स्टेशन बनाए जाएंगे

शहर में साउंड पाल्यूशन को खत्म करने के लिए चार और स्टेशन बनाए जाएंगे। इसके लिए जगह की तलाश की जा रही है। तब तक सर्वे का कार्य भी पूरा हो जाएगा। इसके बाद जहां सबसे अधिक साउंड पाल्यूशन वहां पर स्टेशन बनाकर मानिटरिंग की जाएगी। मानिटरिंग स्टेशन के जरिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और नगर निगम मिलकर वायु और ध्वनि प्रदूषण दोनों पर रोक लगाएंगे।

शहर में अलग-अलग पाल्यूशन

काशी हिंदू विश्वविद्यालय और डीएलडब्ल्यू में पॉल्यूशन सबसे कम है क्योंकि यहां पर सबसे अधिक ग्रीनरी है। जबकि लहुराबीर, अर्दली बाजार ग्रीन जोन में है। इसी तरह शहर के अंधरापुल, चौकाघाट, पांडेयपुर, लालपुर, मच्छोदरी, विशेश्वरगंज में पाल्यूशन अधिक है।

एयर पाल्यूशन और साउंड पाल्यूशन को खत्म करने के लिए शहर में चार और मानिटरिंग स्टेशन बनाए जाएंगे। इससे ध्वनि प्रदूषण का पता चल सकेगा।

शिपू गिरी, नगर आयुक्त

शहर में सात स्थानों पर मानिटरिंग स्टेशन बनाए गए हैं। इन स्टेशनों के माध्यम से एयर और ध्वनि प्रदूषण का पता चलता है। कई ऐसे भी क्षेत्र हैैं जहां पाल्यूशन का पता नहीं चल पाता।

भालेन्द्र कुमार, क्षेत्रीय अधिकारी, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड