वाराणसी (ब्यूरो)। स्मार्ट सिटी वाराणसी में बहुत जल्द ही हर प्रमुख मार्ग पर बड़े-बड़े मॉल व शॉपिंग मार्केट दिखेंगे। शहर में अभी तक सिर्फ आईपी और जेएचवी यानी दो मॉल ही हैं, जहां लोगों की भीड़ होती है। प्रदेश सरकार के एक निर्णय से काशी की तस्वीर बदली-बदली दिखेगी। अब बंद हो चुके सिनेमाघरों को मॉल से लेकर मल्टीप्लेक्स तक में तब्दील किया जा सकेगा। वाराणसी में बंद सिनेमाघरों की संख्या करीब 25 है। इसमें कई बंद पड़े हैं तो कहीं पार्किंग तो कहीं गोदाम या बीयर शॉप का संचालन हो रहा है.
20 सिनेमाघरों में ताले
एक-दो सिनेमाघर संचालकों ने शासन से अनुमति लेकर व्यावसायिक गतिविधियां शुरू कर दी हैं। इसके बाद भी अभी टकसाल, अभय, नटराज, मजदा, प्राची, प्रकाश, गुंजन, ललिता, कपूर, गंगा पैलेस, साजन, छवि महल, शिल्पी, चित्रा, शुभम, सुशील, राधा समेत 20 सिनेमाघर ऐसे हैं, जिनमें ताले लगे हैं।
समय के साथ बदले
वहीं सरस्वती, विजया, दीपक, कन्हैया, भगवती, यमुना, मुकुंद ने समय के साथ खुद को बदल लिया। सरस्वती, विजया और कन्हैया में मल्टीप्लेक्स है, लेकिन और जगहों पर कमर्शियल गतिविधियां संचालित हो रही हैं.
वाहन स्टैंड व मॉडल शॉप
वाराणसी में मल्टीप्लेक्स का दौर आया तो संचालकों के सामने सिनेमाघर चलाने की मुश्किलें खड़ी हो गईं। इससे कई सिनेमाघर बंद हो गए। ऐसे में मजदा में वाहन स्टैंड चल रहा है तो प्रकाश सिनेमा में मॉडल शॉप संचालित हो रहा है। ललिता में पार्टी का दफ्तर चल रहा है।
मनमुताबिक बदलाव
अब प्रदेश सरकार ने बंद सिनेमाघरों के संचालकों को बड़ी राहत दी है। इसके तहत वे सिनेमा हॉल को तोड़कर उसकी जमीन का प्रयोग मनमुताबिक कर सकेंगे। यानी भू उपयोग के मुताबिक ही वीडीए सिनेमा घर में मॉल, मार्केट, इंस्टीट्यूट, मल्टीप्लेक्स आदि का नक्शा पास करेगा।
नहीं हो पा रहा था उपयोग
दरअसल सिनेमाहॉल बंद होने के बाद से उन जमीनों का उपयोग नहीं हो पा रहा था, जहां ये बने थे, क्योंकि इनका भू प्रयोग बदल नहीं पा रहा था। ऐसे में सिनेमा घर संचालकों ने उन्हें बंद करने में ही भलाई समझी। इसके बाद लंबे समय से सिनेमा घर मालिकों के साथ यूपी सरकार को भी राजस्व का नुकसान झेलना पड़ रहा था।
लेना होगा अनापत्ति प्रमाणपत्र
अब प्रदेश सरकार की ओर से शासनादेश जारी हुआ है कि पुराने सिनेमा घरों को तोड़कर संचालक द्वारा उसके स्थान पर अन्य निर्माण कराया जा सकेगा। हालांकि इसके लिए पहले उन्हें जीएसटी विभाग से अनापत्ति प्रमाणपत्र लेना होगा।
वीडीए देगा अनुमति
जीएसटी से अनुमति मिलने के बाद वाराणसी विकास प्राधिकरण महायोजना के तहत भू उपयोग बदलने की अनुमति देगा। साथ ही नक्शा भी पास करेगा। जिस स्थान का जैसा भू उपयोग होगा, उसी के तहत निर्माण कार्य की अनुमति दी जाएगी। साथ ही मनोरंजन कर से संबंधित अनापत्ति प्रमाण पत्र लेना होगा.
वाराणसी में 20 से अधिक सिनेमाघर बंद पड़े हैं। इसे तब्दील करने का शासनादेश आ चुका है। जो भी सिनेमाघर मालिक शासनादेश के तहत आवेदन करते हैं, उनकी पूरी मदद की जाएगी। मॉल, मार्केट, इंस्टीट्यूट, मल्टीप्लेक्स आदि खुलने से आम लोगों को लाभ होगा.
किरन यादव, कॉमर्शियल टैक्स अफसर/प्रभारी मनोरंजन कर, वाराणसी