वाराणसी (ब्यूरो)। करोड़ों का टर्नओवर करने वाली विशेश्वरगंज मंडी आज भी सुविधाओं के नाम पर कंगाल है। न ही पार्किंग की व्यवस्था और न ही ठहरने की। काफी जद्दोजहद के बाद व्यापारियों व राहगीरों की सुविधाओं के लिए सब्जी मंडी में बना शौचालय चार साल से ताले में बंद है। आढ़तों व दुकानों में बैठकर कारोबारी कारोबार करते हैं, वह भी खतरे से कम नहीं। बिजली के तारों का खंभा आढ़तों पर गिरा है तो कहीं पूरा का पूरा पोल ही दुकानों के खप्पड़ पर गिर पड़ा है। यही नहीं गुडहटटा में गुड़, चना की खरीदारी करने अगर आप गलती से चले गए तो बदबू से आप मूर्छित हो जाएंगे। मंडी की सड़कों पर कब्जा इतना है कि फल कारोबारी सड़क को ही अपनी दुकान समझते हैं। गलती से उनकी दुकानों के आगे कोई अपना दुपहिया वाहन खड़ा कर दे तो उसकी खैर नहीं। लडऩे पर अमादा हो जाते हैं। फलों की दुकान बेतरतीब लगने से जाम इतना अधिक रहता है कि जो सड़क रात में 40 फीट नजर आती है वह दिन में 10 फीट हो जाती है। चांैकाने वाली बात यह है कि फल मंडी के आधा किलोमीटर की दूरी पर कोतवाली और दूसरी तरफ मच्छोदरी पुलिस चौकी है। इसके बाद भी इन पर कोई एक्शन नहीं लिया जाता। लिहाजा इसका खामियाजा व्यापारियों के साथ राहगीरों को भुगतना पड़ता है। आइए जानते हैैं पूर्वांचल की सबसे बड़ी मंडी का हाल.
मंडी में सुविधाओं का टोटा
विशेश्वरगंज मंडी में भले ही चावल, दाल, घी-तेल, पापड़-चिप्स का कारोबार होता हो, लेकिन सुविधाओं का टोटा आज भी है। पांच साल में मंडी में दुकानें बढ़ गईं। भैरवनाथ जाने वाले मार्ग पर दर्जनों दुकानें खुल गईं। महामृत्युंजय मंदिर की ओर जाने वाले मार्ग पर भी कई आढ़तें खुल गईं, लेकिन सुविधाएं आज भी नदारद हंै। पार्किंग न होने से व्यापारी के साथ कस्टमर्स आज भी सड़कों पर वाहन खड़ा करते हैं। इस कारण हमेशा जाम की स्थिति बनी रहती है। इसको लेकर प्रतिदिन किसी न किसी से किचकिच भी होती है.
कूड़ाघर को बनाया जाए काम्प्लेक्स
मंडी के व्यापारियों का कहना है कि दस साल पहले कूड़ाघर को हटाकर वहां पर नगर निगम काम्प्लेक्स बनाने की योजना थी। इसके लिए सभी मंडी के कारोबारी तैयार थे लेकिन वह योजना कहां लुप्त हो गई किसी को पता नहीं। फिलहाल मंडी के कारोबारियों का कहना है कि वहां से कूड़ाघर को हटाकर पार्किंग बना दिया जाए तो लोगों के वाहन भी खड़ा होंगे और जाम की समस्या से निजात भी मिलेगी। दूर-दराज से जो ग्राहक आएंगे, पार्किंग में अपने वाहन खड़ा कर सकेंगे। इसके लिए कई बार पत्रक कमिश्नर, डीएम और नगर आयुक्त को दिया गया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई.
बदबू के बीच होता है कारोबार
कूड़ाघर में मंडी के आसपास के जितने भी इलाके हैं, सभी का कूड़ा आकर डंप होता है। कूड़ा डंप होने से हमेशा बदबू रहती है। इसी के बीच मंडी के कारोबारी कारोबार करते हैं। मंडी के कारोबारियों का कहना है कि पेट के लिए सबकुछ करना पड़ता है। कूड़े का उठान भी प्रतिदिन नहीं होता है। अगर कूड़े का उठान भी समय-समय पर किया जाए तो मंडी में बदबू न आए.
रात में 40 तो दिन में 10 फीट हो जाती है सड़क
विशेश्वरगंज मंडी में जाम की सबसे बड़ी समस्या है। कहा जाए तो एक घंटा का अतिरिक्त समय लेकर न निकलेंगे तो समय पर नहीं पहुंच पाएंगे। जाम से दोनों तरफ की सड़कें ठसाठस रहती हैैं। एक तो सड़क संकरी ऊपर से दोनों तरफ मालवाहक खड़ा रहता है। आगे फल कारोबारी आधे से अधिक सड़क पर कब्जा कर दुकान लगा रखे हंै। इन दोनों के बीच लगे जाम से आम राहगीर अगर निकल गया तो लगता है ऐसे कोई जंग जीत गया हो.
शौचालय में ताला
विशेश्वरगंज मंडी में करीब एक हजार से अधिक तेल, दलहन की दुकानें हैं। इसके अलावा सब्जी मंडी के अंदर से बाहर सड़क तक फल व सब्जी मिलाकर इतनी ही दुकानें हंै। व्यापारियों की सुविधा के लिए सब्जी मंडी के अंदर चार साल पहले नगर निगम ने शौचालय का निर्माण कराया था ताकि व्यापारियों को यूरिनल के लिए बाहर न जाना पड़े, लेकिन उस शौचालय में पिछले चार साल से ताला बंद है। व्यापारियों का कहना है कि अगर शौचालय को खोल दिया जाए तो काफी हद तक समस्याएं दूर हो सकती हैं.
सड़क पर सब्जी-फल विक्रेताओं का कब्जा
मंडी में सबसे खराब स्थिति गल्ला, तेल दलहन के दुकानदारों की है। उनके आढ़त व दुकानों के आगे जबरन सब्जी की दुकानें लगी हैैं। कोई दुकानदार हटाने के लिए बोलता है तो उससे झगड़े पर उतारु हो जाते हैं। इन सब्जी विक्रेताओं से करीब पांच सौ से अधिक दुकानदार परेशान हैं। इसकी जानकारी नगर निगम के अफसरों को भी है, लेकिन आज तक उन्हें सब्जी मंडी के बाहर बीच रास्तों से हटाया नहीं गया। यही नहीं विशेश्वरगंज के मुख्य मार्ग तक फल की दुकानें लगने लगी हैं। इन अवैध दुकानों को अगर हटा दिया जाए तो जाम से काफी हद तक निजात मिल सकता है। लेकिन, अवैध फल विक्रेताओं को नगर निगम के अफसर भी हटाने में असहज हैं.
कूड़ाघर को हटाकर पार्किंग बनाया जाए। पार्किंग के ऊपर दुकानें बनाकर कारोबारियों को दिया जाए.
प्रतीक गुप्ता, अध्यक्ष, विशेश्वरगंज भैरवनाथ व्यापार मंडल
भैरवनाथ का दर्शन करने हजारों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं। इनके लिए यूरिनल की व्यवस्था न होने से काफी परेशानी होती है.
ओम कृष्ण दास अग्रवाल, महामंत्री
जाम से तो हर आदमी परेशान है, लेकिन इसका कोई ठोस उपाय नहीं किया जा रहा है। बारिश का समय आ रहा है। सीवर चोक होने से मंडी में पानी घुसेगा.
अशोक केसरी, सह कोषाध्यक्ष
पार्किंग की व्यवस्था के साथ प्याऊ की व्यवस्था नगर निगम को करनी चाहिए ताकि जो दूर-दराज से ग्राहक आते हैं उनको राहत मिल सके.
दिनेश चौरसिया, कारोबारी
आढ़त के ऊपर पोल गिरा हुआ है। इसकी जानकारी नगर निगम के अफसरों को है लेकिन आज तक नहीं हटाया गया.
खुर्शीद अख्तर, उपाध्यक्ष, विशेश्वरगंज भैरवनाथ व्यापार मंडल
विशेवरगंज मंडी में खासकर महिलाओं के लिए यूरिनल बनना चाहिए। पूर्वांचल की सबसे बड़ी मंडी का दर्जा मिल गया लेकिन एक भी शौचालय नहीं है.
राजकिशोर, मीडिया प्रभारी, विशेवरगंज भैरवनाथ व्यापार मंडल
मंडी से करोड़ों रुपए का राजस्व मंडी समिति को जाता है। इसके बाद भी सुविधाओं का अभाव है। मंडी में अभी भी इंस्पेक्टर राज हावी है.
रमाकांत जायसवाल, संरक्षक
सब्जी मंडी में शौचालय बने चार साल का समय बीत गया लेकिन आज तक ताला को नहीं खोला गया.
बलवंत सिंह, कारोबारी