वाराणसी (ब्यूरो)कबीरचौरा मंडलीय अस्पताल शहर के प्रमुख अस्पतालों में से एक है, लेकिन यहां मरीजों को आए दिन अव्यवस्थाओं का सामना करना पड़ता हैअस्पताल में मरीजों को इलाज के लिए इधर से उधर भटकना पड़ रहा हैवहीं गंभीर रूप से चोटिल हुए लोग भी इलाज के लिए अस्पताल के चक्कर लगा रहे हैंकोविड के केस बढऩे लगे हैं, पर अस्पताल में मरीज से लेकर डॉक्टर और कर्मचारी तक मास्क नहीं लगा रहे हैंहड्डी रोग विभाग में मरीजों को इलाज के लिए घंटों इंतजार करना पड़ रहा है.

अव्यवस्थाओं में परेशान मरीज

कबीरचौरा मंडलीय अस्पताल के हड्डी रोग विभाग में खड़े मरीजों से जब बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि डॉक्टर अभी विभाग में आए ही नहीं हैैंकाफी देर से मरीज उनका इंतजार कर रहे हैंसाथ ही मरीजों से पूछा गया कि उनका उपचार ठीक से होता है तो उन्होंने बताया कि डॉक्टर बार बार हॉस्पिटल के चक्कर लगवा रहे हैैंकभी दवाई उपलब्ध नहीं होती तो कभी कुछ और समस्या आ जाती हैबीमारी में दूर से हॉस्पिटल आने में भी परेशानी झेलनी पड़ती है.

नहीं मिल रही दवाई

कबीरचौरा मंडलीय अस्पताल में अपने पैर का इलाज कराने आए अशोक ने बताया कि वह 10 दिन से हॉस्पिटल के चक्कर काट रहे हैंउन्हें डॉक्टर ठीक से दवाई भी नहीं लिख रहे हंै और रोज कल आना बोल देते हंैअशोक का घर मुगलसराय में है और उनके साथ बस उनकी मां रहती हैऐसी खराब स्थिति में रोज उनकी मां हॉस्पिटल लेकर आ रही है पर उनका इलाज ठीक से नहीं हो रहा हैअशोक का कहना था कि उनकी पैर की दिक्कत डॉक्टर की लापरवाही के कारण बढ़ती जा रही है.

अस्पताल में उपलब्ध नहीं सुविधाए

वहीं बात करे मंडलीय अस्पताल में इमरजेंसी सुविधा की तो दिन में दो बजे के बाद अगर कोई एक्सीडेंटल केस आता है तो उसके लिए भी जांच की सुविधा उपलब्ध नहीं हैंऐसे में मरीज को जांच कराने के लिए दूसरी जगह जाना होगाइसके साथ ही हॉस्पिटल में बस महिला वार्ड में ही हीटर लगवाए गए हैंपुरुष वार्ड में अभी भी पुरुषों की बुरी स्थिति हैठंड में बीमारी की हालत में मरीजों का रात काटना भी मुश्किल हो जाता है.

मंडलीय चिकित्सालय को मिले दो डाक्टर

मंडलीय चिकित्सालय कबीरचौरा में अब नाक-कान-गला (ईएनटी) रोग विशेषज्ञ डामहेशचंद्र द्विवेदी और डावीके शर्मा सेवाएं देंगेडामहेशचंद्र द्विवेदी कानपुर से यहां आए हैंपुनर्नियोजन पर आए डावीके शर्मा पंडित दीन दयाल उपाध्याय राजकीय चिकित्सालय से संबद्ध हैं.