वाराणसी (ब्यूरो)। दुनिया की सांस्कृतिक राजधानी एवं धार्मिक शहर वाराणसी में एक बार फिर देश विरोधी गतिविधियां उजागर हुई हैं। मंगलवार को नक्सली कनेक्शन का इनपुट मिलने पर एनआईए की टीम ने वाराणसी में छापेमारी की। बीएचयू की दो संदिग्ध छात्राओं से गहन पूछताछ की। यह कोई पहला मामला नहीं है। इसके पहले भी देश विरोधी गतिविधियों को लेकर वाराणसी में एनआईए की टीम ने छापेमारी की है। पिछले साल अक्टूबर में वाराणसी से आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया आईएसआईएस से जुड़े कट्टरपंथी बासित कलाम सिद्दीकी को गिरफ्तार किया था। ठीक एक महीने पहले सितम्बर में आदमपुर और जैतपुरा में छापेमारी के दौरान दो कथित पीएफआई कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया था.
बासित कलाम के इरादे थे खतरनाक
एनआईए ने यह कार्रवाई आईएस के वॉइस ऑफ हिंद मॉड्यूल केस में की थी। एनआईए ने कहा था कि बनारस से गिरफ्तार बासित कलाम सिद्दीकी के इरादे बेहद खतरनाक थे। उसके कब्जे से आईईडी और विस्फोटक पदार्थों के निर्माण से संबंधित हस्तलिखित नोट, मोबाइल फोन, लैपटॉप, पेन-ड्राइव आदि जैसे आपत्तिजनक लेख बरामद हुए थे। मकबूल आलम रोड निवासी 24 साल का बासित कलाम सिद्दीकी हिंसक हमले के लिए समुदाय विशेष के युवाओं को कट्टरपंथी बनाने के लिए भर्ती कराता था। वह सक्रिय रूप से विभिन्न ऑनलाइन प्लेटफार्मों के माध्यम से आईएसआईएस प्रचार सामग्री का प्रसार कर रहा था। बासित कलाम सिद्दीकी अफगानिस्तान में स्थित आईएसआईएस संचालकों के निर्देश पर एक विस्फोटक ब्लैक पाउडर बनाने की कोशिश कर रहा था।
पीएफआई के दो कार्यकर्ता पकड़े गए थे
इस घटना महज एक महीने पहले दिल्ली दंगों और सीएए-एनआरसी के विरोध के बीच केरल की पीपुल्स फ्र ंट ऑफ इंडिया संस्था केंद्र सरकार की रडार पर थी। इसी क्रम में देशभर में पीएफआई के कई केंद्रों पर छापेमारी की गई थी। उत्तर प्रदेश के भी 4 शहरों में छापेमारी की गई है, जिसमें वाराणसी के दो थाना क्षेत्र आदमपुर और जैतपुरा में यह छापेमारी की गई थी। जहां से दो कथित पीएफआई कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेकर पूछताछ हुई थी। वाराणसी में श्रृंगार गौरी नियमित दर्शन मामले में ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे के बाद से पीएफआई ने इस कार्यवाही और आदेश का लगातार विरोध किया था। जिसे लेकर पीएफआई के कार्यकर्ता सोशल मीडिया पर लगातार कई तरह से विरोध जता रहे थे। बनारस के अलग-अलग थाना क्षेत्रों के करीब दो दर्जन से ज्यादा घोषित पीएफआई कार्यकर्ता और अघोषित समर्थक एनआईए के राडार पर थे, लेकिन दो ही हिरासत में आए थे.