नगर निगम के मिनी सदन में भारी विरोध के बीच पुनरीक्षित बजट हुआ पास
पार्षदों ने 2014 से बढ़े कमर्शियल हाउस टैक्स पर आपत्ति जताई
गत वित्तीय वर्ष का हिसाब मांगने पर बगले झांकने लगे अधिकारी
VARANASI
नगर निगम के मिनी सदन में शनिवार को पार्षदों के भारी विरोध के बीच वर्ष 2019-20 के लिए प्रस्तावित 60008 लाख के पुनरीक्षित बजट पर मुहर लगा दी गई। बजट पर चर्चा के दौरान पार्षदों ने 2014 से बढ़े कमर्शियल हाउस टैक्स पर आपत्ति जताई और निगम के अधिकारियों की मंशा पर सवाल भी उठाया। उनका कहना था कि पुराना बजट जब खर्च ही नहीं हुआ तो नए बजट का क्या मतलब। गत वित्तीय वर्ष में बचे रुपये का हिसाब मांगा तो सदन में मौजूद अधिकारी बगले झांकने लगे।
सवा बारह हजार लाख आय की संभावना
बजट में राजस्व से होने वाली आय 12www.70 लाख बताया गया है, इसमें टैक्स से आय 6001 लाख, कर्तव्यों के अधीन आय 3278 लाख, नगरीय सम्पत्तियों के किराये से आय 346 लाख, और शुल्कों से 1678 लाख की आय शामिल है। पूंजीगत आय 38901.67 लाख बताया गया है। इसी तरह जलकल विभाग की ओर से पुनरीक्षित बजट 14191 लाख को भी मंजूरी दी गई।
बढ़े गृहकर की वसूली पर रोक
टाउनहाल स्थित मिनी सदन में नगर निगम के विभिन्न टैक्सों से होने वाली आय पर चर्चा हुई। इस दौरान जब गृहकर का मामला सदन के पटल पर आया तो बड़ी संख्या में पार्षदों ने आपात्ति जताई। सदन की अध्यक्ष मेयर मृदुला जायसवाल को बताया कि पब्लिक से 2014 से ब्याज जोड़कर गृहकर व कमर्शियल टैक्स वसूला जा रहा है, जबकि शासनादेश 2019 में आया है। मेयर ने भी इस पर आपत्ति जताई और अधिकारियों से पूछा कि ऐसा क्यों किया जा रहा है। अधिकारियों ने जवाब दिया कि कतिपय कारणों से ऐसा हुआ तो मेयर भड़क गई। उन्होंने तत्काल प्रभाव से ऐसे वसूली पर रोक लगाने का निर्देश दिया। नगर आयुक्त गौरांग राठी को इसके लिए चार सदस्यीय कमेटी बनाकर इस मामले में विधिक राय लेते हुए शासन को सदन की मंशा से अवगत कराने का निर्देश दिया। मेयर तक करेंगी कि कमेटी में कौन-कौन सदस्य होंगे।
पार्षदों ने गंभीर आरोप लगाए
मिनी सदन में चर्चा के दौरान भाजपा पार्षद सुरेश चौरसिया ने कहा कि टैक्स वसूली में धांधली की जा रही है। अधिकांश भवनों से आरबीसी व आरसीसी रेट से कर वसूली हो रही है, जबकि ऐसे भवनों की संख्या बनारस में कम हैं। सदन को बताया कि दो बार 2010 में रेट रिवाइज्ड हुआ उसके बावजूद भी यह धांधली यहां जारी है। मेयर ने कहा कि भवनों पर कुर्की की नोटिस चस्पा होना बंद होना चाहिए। सपा पार्षद प्रशांत सिंह पिंकू ने अधिकारियों की कार्यशैली को कठघरे में खड़े करते हुए कहा कि जब टैक्स को बढ़े रेट से लेने का नियम था तो किस आधार पर नगर निकाय चुनाव के दौरान चुनाव लड़ने वालों को नो ड्यूज का प्रमाणपत्र दे दिया। कांग्रेस पार्षद तुफैल अहमद ने कहा कि सदन में पर्याप्त संख्या नहीं होने के बावजूद बजट पास कराना असंवैधानिक है। सदन के बाहर आरपीएफ जवानों की मौजूदगी सत्ता का दुरुपयोग है। तीखे सवालों से घिरे नगर आयुक्त ने सदन की मंशा को शासन से अवगत कराने के बाद ही टैक्स वसूली की दिशा में आगे बढ़ने को कहा।