- स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत नई दिल्ली की संस्था करेगी चेकअप
- बांटे जाएंगे दवा व चश्मे, पीपीपी मॉडल पर होगा काम
VARANASI
सिटी में सफाई, प्रकाश, सड़क व सुंदरीकरण जैसी बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराने वाला नगर निगम बुनकरों की सेहत भी सुधारेगा। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत नई दिल्ली की हेल्थ से जुड़ी एक निजी संस्था बुनकरों का चेकअप करेगी और जरूरी दवाएं और विशेष तरह के चश्मे बांटेगी। चश्मे के लिए मामूली शुल्क लिया जाएगा। यह काम पब्लिक, प्राइवेट, पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल पर होगा। इसके लिए नगर निगम ने संस्था को अगले महीने से काम शुरू करने के लिए कहा है।
सांस व टीबी के रोगी ज्यादा
दरअसल, बनारसी साड़ी व हैंडनॉटेड कारपेट बनाने में बड़ी संख्या में बुनकर लगे हैं। हैंडमेड प्रोडक्ट बनाने की प्रक्रिया के दौरान काफी मात्रा में एलर्जेन (महीन कण) उड़ते रहते हैं। ये एलर्जेन बुनकरों की सेहत को खराब कर देते हैं। आंख, नाक और मुंह के सहारे शरीर के भीतर जाने पर बुनकरों को तमाम तरह के रोग अपनी चपेट में ले लेते हैं। खासकर आंखों में पानी आना, लाल होना, सूजन, अस्थमा, दमा के साथ ही टीबी तक की प्रॉब्लम हो जाती है।
सर्वे में सामने आई हकीकत
पिछले दिनों नगर निगम ने शहर में रहने वाले बुनकरों का सर्वे कराया। निगम की टीम ने बुनकरों की सेहत की जानकारी ली तो पता चला कि तमाम मोहल्लों में बड़ी संख्या में बुनकर रोगों से पीडि़त हैं। इसके बाद निगम के अफसरों ने स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत बुनकरों की सेहत सुधारने की कार्ययोजना तैयार की। पिछले दिनों वाराणसी स्मार्ट सिटी बोर्ड की बैठक में इसका एप्रूवल भी मिल गया। जिसके बाद नई दिल्ली की एक संस्था से अनुबंध किया गया।
एक नजर
- 50 हजार बुनकरों को लाभ दिलाने का टारगेट
- 31 मार्च 2019 तक काम पूरा करने का निर्धारित समय
- 100 रुपये शुल्क देना होगा चश्मे के एवज में
- 02 हॉस्पिटल हैं शहर में नगर निगम के
बुनकरों की सेहत की जांच के लिए नई दिल्ली की संस्था से बात फाइनल हो चुकी है। बुनकरों की लिस्ट भी तैयार हो गई है। संस्था को जल्द काम शुरू करने के लिए कहा गया है।
रमेश चन्द्र सिंह, संयुक्त नगर आयुक्त (प्रथम)