वाराणसी (ब्यूरो)। ज्ञानवापी मस्जिद मामले की मंगलवार दोपहर बाद करीब चार बजे दो घंटे तक सुनवाई हुई। सुनवाई पूरी होने के बाद दोनों पक्षों की ओर से अदालत में चली कार्रवाई पर मंथन शुरू किया गया। हिंदू पक्ष की आपत्ति पर मुस्लिम पक्ष ने एक हफ्ते का समय मांगा है। जबकि अदालत में 11 मई को भी इस प्रकरण पर मंथन होना है.
तहखाने के सर्वे की मांग
बीते सप्ताह एडवोकेट कमिश्नर की ज्ञानवापी मस्जिद क्षेत्र में कार्यवाही के दौरान बाधा आने को लेकर जज के समक्ष हिंदू पक्ष ने तहखाने का सर्वे कराने की मांग दोहराई है। इस मामले को लेकर मुस्लिम पक्ष ने सप्ताह भर का अदालत से और समय मांगा तो दूसरी ओर ज्ञानवापी मस्जिद मामले पर एडवोकेट कमिश्नर को हटाने की मांग पर कोई फैसला नहीं हो सका.
नहीं सौंपा जा सका साक्ष्य
मंगलवार को एडवोकेट कमिश्नर की कमीशन की कार्यवाही पूरी न होने के कारण वीडियो साक्ष्य को अदालत को नहीं सौंपा जा सका। अब बुधवार को होने वाली सुनवाई में यह तय होगा कि कौन से साक्ष्य का संकलन शेष है। अदालत के निर्णय के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो सकेगी कि वर्तमान एडवोकेट कमिश्नर द्वारा ही शेष कमीशन की कार्रवाई पूरी की जाएगी या उनके स्थान पर कोई अन्य इस दायित्व का निर्वहन करेगा।
अधूरी रह गई थी कार्रवाई
बताते चलें कि बीते सप्ताह ज्ञानवापी परिसर में वीडियो रिकार्डिंग के दौरान बैरिकेडिंग के अंदर जाकर वीडियो रिकार्डिंक पूरी न हो पाने की वजह से कमीशन की कार्यवाही अधूरी रह गई। लिहाजा मंगलवार को तय समय में साक्ष्य के तौर पर वीडियोग्राफी व अन्य रिपोर्ट पूरी न होने के कारण अदालत में तय तिथि को पेश नहीं किया जा सका.
खुद मौके पर जा सकता है कोर्ट
ज्ञानवापी परिसर की कमीशन की कार्यवाही पर मंगलवार को सुनवाई पूरी हो गई। वहीं सुनवाई के दौरान सिविल जज (सीनियर डिवीजन) रवि कुमार दिवाकर की अदालत ने अंजुमन इंतजामिया मसाजिद की ओर से दाखिल प्रार्थना पत्र अग्रिम सुनवाई के लिए 11 मई की तिथि मुकर्रर की है। वहीं सुनवाई के दौरान अदालत की ओर से जरूरत पडऩे पर खुद ही मौके पर जाने की बात कहने की जानकारी अधिवक्ताओं ने पत्रकारों को दी है। दरअसल मंगलवार को एडवोकेट कमिश्नर की कार्यवाही के दौरान पूरी वीडियोग्राफी को अदालत को सौंपना था.
हिंदू पक्ष ने रखी अपनी बात
मंगलवार को दोपहर करीब दो बजे सुनवाई शुरू हुई तो अदालत के सामने हिंदू पक्ष ने कमीशन की कार्रवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष की ओर से बाधा उत्पन्न किए जाने की जानकारी अदालत के समक्ष रखी। हिंदू पक्ष की ओर से ज्ञानवापी मस्जिद के भीतर तहखाने की भी जांच करने की मांग उठाते हुए पूरे परिसर में साक्ष्यों के संकलन की मांग उठाई गई.