वाराणसी (ब्यूरो)जियोग्राफिक इन्फॉर्मेशन सिस्टम (जीआईएस) सर्वे में पकड़े गए 38 हजार हाउस टैक्स चोरों से वसूली के लिए नगर निगम ने नई तरकीब निकाली हैउन्हें मकान नंबर मुफ्त एलॉट किया जाएगाकेवल 100 रुपये के स्टांप पेपर पर दिए हलफनामे पर नगर निगम नया मकान नंबर दे देगाअब तक रजिस्ट्री की वैल्यू के अनुसार 1200 रुपए से लेकर 5200 रुपए तक मकान नंबर लेने के लिए देने पड़ते थेअब यह खर्च नहीं होगा

क्या है मामला

नगर निगम ने 8 महीने पहले जीआईएस सर्वे कराया तो यह सच सामने आया कि शहर में करीब 38 हजार ऐसे भवन स्वामी हैैं, जो मकान नंबर न लेकर हाउस टैक्स समेत अन्य करों की चोरी कर रहे हैंइनमें फ्लैट भी शामिल हैयह लोग पांच से दस साल से शहर में रह रहे हैैंइनसे गृहकर लेने के लिए अब नगर निगम ने यह प्लानिंग की है

टैक्स निर्धारण तत्काल करा सकते हंैनगर आयुक्त अक्षत वर्मा का कहना है कि नगर निगम ने यह बड़ा फैसला लिया है कि इन भवनों को अभिलेखों में दर्ज कराने के लिए तत्काल कर निर्धारण किया जाएगाअब कोई भी भवन स्वामी अपने मकान या फ्लैट का कर निर्धारण तत्काल करा सकता है, इसके लिए उन्हें कोई शुल्क नहीं देना होगा.

नया सिस्टम सोमवार से लागू

नगर निगम के पुराने 90 वार्डों में सोमवार से मुफ्त मकान नंबर आवंटित होगासिर्फ एक फार्म भरकर देने और भवन के कागजात के साथ ही 100 रुपये के स्टांप पेपर पर दिए हलफनामे पर यह सुविधा मिलेगीइसके लिए किसी भी दफ्तर में भटकने की जरूरत नहीं पड़ेगीकोई भी शुल्क नगर निगम इसके बदले नहीं लेगानगर निगम ने शनिवार को नया नियम लागू करते हुए प्रॉपर्टी टैक्स मैनेजमेंट सिस्टम से जोड़ दियापीआरओ संदीप श्रीवास्तव के मुताबिक जो भी भवन स्वामी मकान नंबर लेगा और तत्काल हाउस टैक्स जमा करेगा, उस दिन से लेकर तीन दिन के भीतर पीला कार्ड दिया जाएगा

मेयर के निर्देश पर प्रस्ताव

महापौर अशोक कुमार तिवारी ने हाउस टैक्स की समीक्षा बैठक में इस बात का परीक्षण कर फैसला लेने के लिए निर्देशित किया थानगर आयुक्त अक्षत वर्मा ने मुख्य कर निर्धारण अधिकारी कुमार असीम रंजन को परीक्षण कर प्रस्ताव प्रस्तुत करने के लिए कहामुख्य कर निर्धारण अधिकारी ने प्रस्ताव में इस बात का उल्लेख किया कि नगर निगम अधिनियम 1959 के सुसंगत प्रावधानों के अंतर्गत नए भवन, जो प्रथम बार धारा-173 174 के अन्तर्गत कराच्छादन व कर के दायरे में लाए जाते हैं, उन पर धारा-213 की कार्यवाही न कर मात्र कर निर्धारण करते हुए (यथा स्वकर से प्रपत्र क-) कराच्छादन के दायरे में लाया जाना नियमानुसार उचित हैमुख्य कर निर्धारण अधिकारी असीम रंजन का कहना है कि इससे नगर निगम की आय में बढ़ोत्तरी होने के साथ ही छूटे भवनों को कर के दायरे में लाया जाना सुविधाजनक होगा

यह है हाउस टैक्स की हालत

शहर में मकानों की संख्या करीब 2 लाख 18 हजार हैइनमें से 70 परसेंट ऐसे मकान मालिक हैं, जो समय पर टैक्स का भुगतान करते हंै। 30 परसेंट भुगतान करने में लापरवाही बरतते हैइसके अलावा 38 हजार ऐसे भवन स्वामी हैं, जो मकान बनवाकर न जाने कब से शहर में रह रहे हैं लेकिन नगर निगम को एक रुपए का भी गृह कर भुगतान नहीं कर रहे.चालू वित्तीय वर्ष में भवनों से गृहकर का लक्ष्य 84 करोड़ निर्धारित है, जबकि अब तक 43.51 करोड ही जमा हुआ है

कहां करना होगा आवेदन

जिस भी शहरी का मकान नंबर नहीं है, और वह टैक्स देकर पीला कार्ड चाहता है, वह नगर निगम के पांचों पुराने जोन, नगर निगम मुख्यालय के कम्प्यूटर सेल और मुख्य कर निर्धारण अधिकारी कार्यालय में अपना आवेदन दे सकता है.

शहर में 38 हजार ऐसे भवन स्वामी हैं, जो बिना मकान नंबर लिए ही रह रहे हंैऐसे भवन स्वामी अब बिना शुल्क जमा किए ही तत्काल मकान नंबर ले सकते है.

अक्षत वर्मा, नगर आयुक्त