वाराणसी (ब्यूरो)। शहर के प्रत्येक इलाके में चल रही अवैध डेयरियों के खिलाफ अभियान चलाने का प्रस्ताव जून 2022 में नगर निगम की ओर से पास किया गया। इसके बाद कुछ समय तक नगर निगम के पशु विभाग की तरफ से अभियान चलाया गया। इस दौरान कुछ डेयरियों पर कारवाई हुई। इसके बाद मैन पॉवर और संसाधन के अभाव में अभियान रोक दिया गया। नतीजा ये कि शहर में जितनी डेयरियां पहले थीं उनकी संख्या अगले एक साल में घटने की बजाय बढ़ गई.
नहीं मिली शहर को निजात
जून 2022 में हाईकोर्ट के आदेश के बाद शहरी सीमा के अंदर से अवैध डेयरियों को हटाने के लिए आदेश जारी हुआ। इसके बाद नगर निगम वाराणसी प्रशासन ने शहर के सभी अवैध डेयरियों की काउटिंग शुरू की। इसमें 583 डेयरी शहर में चलती पाई गई। इसके बाद कुछ डेयरियों पर कारवाई की गई और पकड़े गए पशुओं को कैटल हाउस में शिफ्ट किया गया। साल बीता तो एक बार फिर गिनती की गई। गिनती में संख्या घटने की बजाय बढ़कर 635 हो गई थी.
मैन पावर और संसाधन का बहाना
डेयरियों के खिलाफ एक्शन के लिए नगर निगम के पशु चिकित्सा विभाग की तरफ से मैन पावर के अभाव का बहाना बनाया जाता है। हालांकि अधिकारियों की मानें तो मैन पावर इतना भी कम नहीं है कि अभियान न चलाया जा सके। अधिकारियों के अनुसार विभाग की गाडिय़ों के लिए प्रतिदिन 15 लीटर डीजल और 25 लीटर पेट्रोल उपलब्ध कराया जाता है.
परेशान होती पब्लिक
जिन भी इलाको में वैध डेयरियों का संचालन होता है उन इलाके के लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। अतिक्रमण के साथ दुर्गंध और गंदगी से दिक्कत होती है।
इन इलाकों में अवैध डेयरियां
- शिवपुर
- लंका
- कोतवाली
- सिगरा
- आदमपुर
- जैतपुरा
- दशाश्वमेध
- कैंट
हमारी टीम की तरफ से अवैध डेयरियों के खिलाफ कारावाई जारी है। हम लोगो के द्वारा स्थानीय लोगों का भी सहयोग लिया जा रहा है.
अजय प्रताप सिंह, पशु चिकित्साधिकारी
अवैध डेयरियों के कारण स्थानीय नागरिकों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था। जिसकी शिकायतें लगातार मिल रही थीं। ऐसे में कार्रवाई के लिए पशु विभाग को प्रवर्तन दल का पूरा सहयोग दिया जा रहा है.
सुमित कुमार, अपर नगर आयुक्त