वाराणसी (ब्यूरो)। नगर निगम की सदन की बैठक में नगर निगम का बांड सभी पार्षदों की सहमति से मेयर अशोक तिवारी की अध्यक्षता में पास किया गया। बांड को उतारने के लिए नगर निगम बड़ी परियोजनाओं को मूर्त रूप देने के लिए बाजार से 100 करोड़ रुपये जुटाने का फैसला किया है। इससे नगर निगम का रेवेन्यू भी मजबूत होगा। निगम बांड का पैसा दस वर्ष के भीतर बाजार को लौटाने का लक्ष्य भी रखा गया है.
तीन जगह बनेगी कॉमर्शियल बिल्डिंग
रविवार को टाउनहाल भवन में आयोजित सदन की बैठक में म्युनिसिपल बांड से व्यावसायिक भवनों का निर्माण कराने का निर्णय लिया गया। निगम ने तय किया कि व्यापक रूपरेखा बनाने के बाद ही बांड जारी किया जाएगा्र। भेलूपुर स्थित जलकल विभाग परिसर, सिगरा स्टेडियम, सेनपुरा स्थित पशु चिकित्सालय सहित अन्य स्थलों को व्यावसायिक रूप से विकसित किया जाएगा। इनका प्राथमिक रूप से चिह्नांकन कर लिया गया है।
मार्केट के अनुसार वसूला जाएगा किराया
निगम अपना इन्कम बढ़ाने के लिए दुकानों से मार्केट रेट से किराया वसूलने की तैयारी में है। वर्तमान में शहर में कुल 2176 ऐसे भूमि-भवन व दुकानें हैं जो 10 से 60 रुपये तक मासिक किराया दे रहे हैं। इसमें तकरीबन 1400 भवन व्यावसायिक हैं। वहीं कई दुकानदारों ने निगम क अनुमति के बगैर दुकानें दूसरे व्यावसायियों को स्थानांतरित कर दी है। हालांकि खाली कराने के स्थान पर निगम ने इन दुकानों को उन्हें ही आवंटित करने का निर्णय लिया है। उन्हें मार्केट रेट से किराया देना होगा.
छह घंटे तक चली बैठक
वित्तीय वर्ष 2023-24 में निगम की 838 करोड़ रुपये के बजट सहित कई प्रस्तावों को स्वीकृति मिल गई। वहीं सदन ने जलकर संशोधित 186.85 करोड़ रुपये बजट को हरी झंडी दी। हालांकि निगम कार्यकारिणी ने जलकल का 176.85 करोड़ रुपये का सालाना बजट को मंजूरी दी थी। सदन ने इसमें दस करोड़ रुपये की वृद्धि कर दी।
सदन की मिली मंजूरी
वाराणसी नगर निगम में गत वर्षों से इसकी कवायद चल रही है। निगम वर्ष 2022 में सदन की बैठक में इसका प्रस्ताव भी लाया था लेकिन यह बैठक हंगामे की भेंट चढ़ गया है। वहीं 2023 की सदन की बैठक में म्युनिसिपल बांड को हरी झंडी दे दी।
म्युनिसिपल बांड से नगर निगम की वित्तीय व्यवस्था और सु²ढ़ होगी। वहीं निगम के कार्यों में पारदर्शिता भी आएगी। कारण बांड के सभी व्यवस्थाएं निगम आनलाइन करेगा। वहीं सेबी की रेङ्क्षटग से निगम की साख भी बढ़ेगी।
शिपू गिरी, नगर आयुक्त