वाराणसी (ब्यूरो)। अपर सत्र न्यायाधीश एमपी-एमएलए कोर्ट दुर्गेश ने शनिवार को गैंगस्टर के 16 वर्ष पुराने मामले में माफिया मुख्तार अंसारी को दोषी पाते हुए 10 वर्ष और उसके भाई व बसपा सांसद अफजाल अंसारी को चार वर्ष की सजा सुनाई है। मुख्तार पर पांच लाख और अफजाल पर एक लाख रुपये का अर्थदंड भी लगाया है।
छह माह अतिरिक्त सजा
अर्थदंड नहीं भरने पर अफजाल को छह महीने की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। कोर्ट का फैसला आते ही अफजाल को कड़ी सुरक्षा के बीच जिला जेल भेज दिया गया। दो वर्ष से अधिक सजा मिलने के कारण उसकी लोकसभा सदस्यता जाना तय है। पुलिस ने अफजाल के विरुद्ध भाजपा सांसद रहे कृष्णानंद राय हत्याकांड और मुख्तार अंसारी के विरुद्ध कृष्णानंद राय व बनारस के कोयला कारोबारी नंदकिशोर रूगंटा की अपहरण के बाद हत्या को गैंगचार्ट में शामिल कर आरोपपत्र पेश किया था। मुख्तार और अफजाल दोनों ही मामलों में सीबीआइ कोर्ट से बरी हो चुके हैं।
गैंगस्टर का मुकदमा
22 नवंबर 2007 को मुहम्मदाबाद पुलिस ने अफजाल और मुख्तार के खिलाफ गिरोह बंद अधिनियम के अंतर्गत गैंगस्टर का मुकदमा दर्ज किया था। अफजाल मामले में जमानत पर था। 23 सितंबर 2022 को दोनों भाइयों के विरुद्ध कोर्ट में आरोप तय किया गया। विशेष लोक अभियोजक नीरज श्रीवास्तव ने मुख्तार के मामले में 10 और अफजाल के मामले में सात गवाह पेश किए। मुख्तार और अफजाल फैसले के खिलाफ 30 दिन के अंदर हाई कोर्ट में अपील कर सकते हैं.
सुरक्षा के इंतजाम
मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए कोर्ट परिसर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। सुनवाई के दौरान गाजीपुर से पांच बार विधायक और दो बार सांसद रह चुका अफजाल स्वयं कोर्ट में उपस्थित था जबकि बांदा जेल में बंद मुख्तार वीडियो कान्फ्र ेंसिंग के जरिए पेश हुआ। मऊ सदर से पांच बार विधायक रह चुके मुख्तार को इससे पहले गैंगस्टर के एक अन्य मामले में दस साल की सजा हो चुकी है।
500 राउंड फायरिंग
2002 में मुहम्मदाबाद सीट पर अफजाल को मात देकर भाजपा से कृष्णानंद राय विधायक बने। पूर्वी उप्र में किसी ने पहली बार सियासी अखाड़े में अंसारी परिवार को चुनौती दी थी। 29 नवंबर 2005 को मुंख्तार के गैंग के लोगों ने एक-47 से 500 राउंड गोलियां बरसाकर कृष्णानंद राय समेत सात लोगों की हत्या कर दी थी। कृष्णानंद की पत्नी अलका राय ने मुख्तार, अफजाल, मुन्ना बजरंगी समेत अन्य कई के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई थी।
पांच करोड़ की फिरौती के लिए अपहण
जनवरी 1997 में नंदकिशोर रूंगटा का उनके घर से अपहरण कर पांच करोड़ रुपये की फिरौती मांगी गई थी। परिवार ने 1.5 करोड़ रुपये दे भी दिए थे। इसके बावजूद रूंगटा की हत्या कर दी गई थी। इस मामले में माफिया मुख्तार अंसारी का नामजद किया गया था। मुख्तार के गैंगचार्ट में भी इस हत्याकांड का ब्योरा दर्ज है.
कृष्णानंद राय के बेटे बोले, मां का संघर्ष काम आया
अदालत का फैसला आने के बाद कृष्णानंद राय के बेटे पीयूष राय ने कहा कि मां का संघर्ष काम आया। हत्या के बाद मेरे पिता की शिखा काटी गई थी। वह शिखा केवल एक व्य1ित की नहीं, एक समाज और संस्कार की शिखा थी। न्यायपालिका ने शिखा का मान और मर्यादा बढ़ाने का काम किया है। दिल की गहराइयों से न्यायपालिका का आभार व्य1त करता हूं। हमें खुशी इस बात की है कि माफिया के विरुद्ध कार्रवाई करने वाला मजबूत इरादों वाले मुख्यमंत्री लोगों के संरक्षण में खड़े हैं।