वाराणसी (ब्यूरो)। फर्जीवाड़ा कर दोनाली बंदूक का लाइसेंस प्राप्त करने के 37 साल पुराने मामले में मुख्तार अंसारी को वाराणसी की अदालत ने मंगलवार को दोषी करार दिया है। विशेष न्यायाधीश (एमपी-एमएलए कोर्ट) अवनीश गौतम ने यह फैसला सुनाते हुए सजा के लिए बुधवार का दिन तय किया है।
इन धाराओं में दोषी
मुख्तार को धारा 420, 467, 468, 120बी और 30 आम्र्स एक्ट के तहत दोषी पाया गया है। वहीं, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13 (2) में उसे दोषमुक्त किया है। एडीजीसी विनय कुमार ङ्क्षसह के अनुसार कूटरचित दस्तावेज के मामले में उसे धारा 476 के तहत मुख्तार को आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती है.
1990 में दर्ज हुआ केस
अभियोजन पक्ष के अनुसार मुख्तार ने 10 जून 1987 को दोनाली बंदूक के लाइसेंस के लिए जिला मजिस्ट्रेट को प्रार्थना पत्र दिया था। जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक के फर्जी हस्ताक्षर से संस्तुति प्राप्त कर शस्त्र लाइसेंस प्राप्त कर लिया। फर्जीवाड़ा उजागर होने पर सीबीसीआइडी ने चार दिसंबर 1990 को गाजीपुर के मुहम्मदाबाद थाना में मुख्तार, तत्कालीन डिप्टी कलेक्टर समेत पांच नामजद एवं अन्य अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था.