वाराणसी (ब्यूरो)। एक फरवरी को वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण केंद्रीय बजट 2024-25 पेश करेंगी। वे छठीं बार बजट पेश करने की तैयारी में हैं। इस बजट से प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र के उद्यमियों और कारोबारियों को काफी उम्मीदें है। उनका कहना है कि बीएलडब्ल्यू के बाद कोई भी बड़ी इंडस्ट्री काशी में नहीं डेवलप हुई। बजट में अगर काशी में नई इंडस्ट्री लगाने की घोषणा हो जाए तो एमएसएमई सेक्टर को बूस्ट मिल जाएगा। रोजगार के नए अवसर बढ़ेंगे और लोगों को नया मार्केट भी मिलेगा। चुनावी साल होने की वजह से कहा जा रहा है कि बजट आम मतदाताओं को ध्यान में रखकर बनाया जाएगा। हर वर्ग के लोगों को इससे कुछ न कुछ उम्मीदें हैं.
सेक्टर का बड़ा योगदान
कारोबारियों का कहना है कि भारत की इकोनॉमी में एमएसएमई सेक्टर का बड़ा योगदान है। यह सेक्टर अंतरिम बजट से उम्मीद लगाए हुए है। यदि बजट में इनके सामने आ रही चुनौतियों को लेकर ठोस प्रयास किए गए तो तरक्की में तेजी आएगी। नए उद्योग लगेंगे साथ ही देश के कई राज्यों से लोग यहां आएंगे और अपने रोजगार लगाएंगे। कारोबारियों को बजट से काफी आस है। कहा कि ब्याज और कर में छूट बढ़े तो उद्योगों को संजीवनी मिले.
31 मार्च तक आयकर की छूट की सीमा को बढ़ाकर 31 मार्च 2025 तक किया जाना चाहिए जिससे आम लोगों को राहत मिल सके। वाराणसी के सांसद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी है इसके बाद यहां पर कोई नयी इंडस्ट्री डेवलप नहीं हुई है। नया इंडस्ट्री यहां लगना चाहिए.
आरके चौधरी, उपाध्यक्ष, इण्डियन इंडस्ट्री एसोसिएशन
जीएसटी के नियम-कायदों को सरल किया जाए। उद्योगों के लिए अलग बैकिंग व्यवस्था की जाए। आयकर में कटौती की जाए जिससे आम लोगों के साथ कारोबारियों को भी राहत मिल सके। उद्योग धंधों के लिए जो नीतियां बनाई गई हैं, उन्हें सरल किया जाए। आयकर सीमा में छूट बढ़े.
अनिल अग्रवाल, संरक्षक, वाराणसी ऑयल एसोसिएशन
पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाया जाए। ट्रांसपोर्टेशन का भार कम हो। इससे सूक्ष्म, लघु मध्यम उद्योग का विकास होगा। उद्योग धंधे नेचुरल गैस पर आधारित हैं, इसे जीएसटी में शामिल किया जाए। जीएसटी को सरल करें ताकि सभी को राहत मिले.
अंकित अग्रवाल, अध्यक्ष, ऑयल एसोसिएशन
तेल कारोबारियों को बजट से आस है। ब्याज और कर में छूट बढ़े तो उद्योगों को संजीवनी मिले। साथ ही नियम-कायदे और सरल किया जाए, जिससे उद्योग-धंधों का विकास हो सके। जीएसटी में इतना अधिक जटिलताएं है कि कोई भी व्यवसाय करना मुश्किल हो गया है.
दिलीप जायसवाल, महामंत्री, ऑयल एसोसिएशन
अपना खुद का व्यवसाय कर रहे लोगों को बजट से काफी उम्मीदें हैं। कई छोटे दुकानदार जो अपने व्यवसाय के भविष्य को लेकर चिंतित हैं वे बजट में राहत की उम्मीदें लगाए बैठे हैं। बजट में सरकार कुछ ऐसा लोगों को दे जिससे ऑनलाइन स्टोर्स से प्रतिस्पर्धा करने में मदद मिले.
मनोज मद्धेशिया, अध्यक्ष, करखियांव एग्रो इंडस्ट्री