वाराणसी (ब्यूरो)। पिछले दो माह से पूरे बनारस के लोगों को परेशान कर चुके वायरल फीवर या यूं कहे कि रहस्यमयी बुखार को कंट्रोल में करने को लेकर स्वास्थ्य विभाग की ओर से सैकड़ों कर्मियों की फौज लगाने के साथ 1000 हजार बैठकें और कई अभियान चलाए जा चुके हैं। कुछ चल भी रहे हैं। लेकिन, बेकाबू हो चुका बुखार अब भी काबू में नहीं आ रहा। अस्पतालों में मरीजों की भीड़ कम होने के बजाय बढ़ती ही जा रही है। अब ऐसा कोई घर नहीं बचा है जहां बुखार और दर्द के मरीज न हों। यह कौन सी बीमारी है और इसके प्रसार को कैसे रोका जाए, इस पर न तो स्वास्थ्य विभाग की ओर से कुछ कहा जा रहा है और न प्रदेश सरकार की ओर से कोई गाइडलाइन जारी की जा रही है। कुछ हेल्थ एक्सपर्ट इसे कोरोना का एक रूप मान रहे हैं, लेकिन हेल्थ डिपार्टमेंट के साथ सरकार इस बीमारी को छुपाने का काम कर रही है। शहर के सभी प्राइवेट और सरकारी अस्पतालों में डेली 10 हजार से ज्यादा लोग इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। लेकिन, हेल्थ डिपार्टमेंट अभी भी इसे महज एक वायरल बीमारी मान रहा है.
बीमारी की पहचान नहीं, ढूढ़ रहे फाइलेरिया के मरीज
बेहद खतरनाक स्टेज पर पहुंच चुके इस रहस्यमयी बुखार ने पूरे बनारस की हालत खराब कर दी है। वायरल फीवर और डेंगू-मलेरिया का हवाला देकर अस्पतालों में मरीजों का इलाज तो किया जा रहा है, मगर स्वास्थ्य विभाग की ओर से अभी तक यह नहीं बताया गया कि आखिर यह कौन सा ऐसा वायरल है, जो एक-एक माह तक लोगों अपनी गिरफ्त में ले रहा है। सिर्फ गिरफ्त ही नहीं उन्हें चलने-फिरने लायक भी नहीं छोड़ रहा है।
रिपोर्ट आ रही निगेटिव
डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया की जांच के बाद भी रिपोर्ट निगेटिव ही आ रही है। जानकारों का कहना है कि अभी तक ऐसा कोई बुखार नहीं आया था, जिसमें जोड़ों का दर्द होने के साथ पूरा शरीर कमजोर हो जाए। स्वास्थ्य विभाग सिर्फ गुमराह कर रहा है। एक तरफ डिपार्टमेंट यह कह रहा है कि इस बार डेंगू पिछले साल के मुकाबले बेहद कम है। वहीं यह रहस्यमयी बुखार पहचान कराने के बजाय डेंगू, फाइलेरिया और टीबी जैसे मरीजों को ढूढऩे का दिखावा करने में लगा है।
464 घरों में मिला मच्छरों का लार्वा
जिला मलेरिया अधिकारी की मानें तो घर-घर दस्तक अभियान के तहत अब तक 1086 व्यक्तियों में बुखार के लक्षण पाए गए। इस दौरान जांच में एक मलेरिया का रोगी पाया गया। इसके अलावा 288 रोगी डेंगू एलाइजा पॉजि़टिव पाए गए। भ्रमण के दौरान सर्दी, खांसी, जुकाम (आईएलआई) के लक्षण वाले 286 मरीज पाए गए। 19 व्यक्तियों में संभावित क्षय रोग के लक्षण पाये गए। वहीं 24 व्यक्तियों में संभावित फाइलेरिया के लक्षण पाये गए। इसके अलावा पिछले एक माह में 23,791 घरों में भ्रमण कर सर्वे किया गया। इस दौरान 1,04,656 पात्रों को खोजा गया, जिसमें 464 घरों में मच्छरों का लार्वा पाया गया। इन सभी घरों में सप्ताह में एक से दो बार साफ-सफाई, जल निकासी आदि के लिए विशेष निर्देश दिये गए। इसके अलावा दस्तक अभियान के अंतर्गत 1086 स्थानों पर क्लोरीनेशन डेमो भी किया गया.
कहां कितनी बैठकें
174
बैठकें स्वयं सहायता समूह की महिलाओं संग
208
बैठकें स्थानीय महिलाओं के साथ
346
बैठकें पंचायती राज विभाग की ओर से
83
संवेदीकरण बैठकें पशु विभाग की ओर से
274
जन जागरूक बैठकें कृषि विभाग की ओर से
ये भी हुआ काम
1.36
लाख से अधिक लोगों का हुआ सर्वेक्षण अब तक
1136
स्थानों पर हुआ स्रोत विनष्टीकरण कार्य
23,791
घरों में किया भ्रमण पिछले एक माह में
464
घरों में पाया गया मच्छरों का लार्वा
तीन अक्टूबर से संचालित विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान के अंतर्गत विभिन्न विभागों द्वारा भी जन जागरूकता गतिविधियां आयोजित की जा रही हैं। इस क्रम में नगर निगम की ओर से नगर के सभी 100 वार्ड में फॉगिंग व जल निकासी की सफाई की जा रही है.
शरत चंद्र पांडेय, डीएमओ
संचारी व मच्छरजनित रोगों खासकर डेंगू की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग के साथ नगर निगम, पंचायती राज विभाग व अन्य विभाग निरंतर प्रयास कर रहे हैं। यह कोई रहस्यमयी बुखार नहीं महज एक वायरल फीवर है। इसके प्रसार को रोकने के लिए डिपार्टमेंट प्रयासरत है.
डॉ। संदीप चौधरी, सीएमओ