- मोदी-मैक्रों के नौका-विहार के 24 घंटे पहले सील कर दिये जाएंगे घाट

- गंगा के दोनों तरफ रहेगी फोर्स, पानी में भी गश्त करेगी पीएसी-एनडीआरएफ

- एआईजी की अगुवाई में एसपीजी की पहली टीम पहुंची काशी

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और पीएम नरेंद्र मोदी के गंगा दर्शन के दौरान ऐसी सुरक्षा रहेगी की परिंदा भी पर न मार सके। जल, जमीन और आसमान से चप्पे-चप्पे पर सुरक्षाकर्मियों की नजर रहेगी। कार्यक्रम को लेकर पुलिस और खुफिया एजेंसियां चौकस हैं। घाट किनारे के ऊंचे भवनों को खंगाला जा रहा है। गंगा ओ-पार भी फोर्स तैनात करने के लिए सटीक जगहें तलाशी जा रही है। व्यवस्था ऐसी है कि गंगा के दोनों किनारों पर तैनात फोर्स हर हलचल पर नजर रखेगी और किसी भी गड़बड़ी को देखते ही स्नाइपर उसे तत्काल निशाना बना लेंगे। इस ड्यूटी के लिए एनएसजी की स्पेशल स्नाइपर टीम भी बनारस आने वाली है। बुधवार को एसपीजी की पहली टीम एआईजी स्तर के अधिकारी की अगुवाई में वाराणसी पहुंच गयी।

संवेदनशील है आधा घंटा प्रोटोकॉल के मुताबिक, मोदी और मैक्रों का गंगा-दर्शन कार्यक्रम लगभग आधे घंटे का है। मगर तैयारियों को देखकर लगता है कि दोनों वीआईपी हाउस बोट पर कुछ ज्यादा समय भी स्पेंड कर सकते हैं। ऐसे में फुलप्रूफ सुरक्षा अफसरों के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है। जनसभा या अन्य कार्यक्रमों में सुरक्षाकर्मी पूरे कार्यक्रम स्थल को घेर सकते हैं। मगर लगभग तीन किलोमीटर के नौका विहार में पूरे इलाके पर निगरानी रख पाना टेढ़ी खीर है। इसके अलावा गंगा और घाट बनारस के लोगों की दिनचर्या का हिस्सा है। साथ ही गंगा-दर्शन मार्ग के बीच में हरिश्चंद्र घाट भी आता है जहां शवदाह रोका नहीं जा सकता।

अस्सी से दशाश्वमेध तक स्नाइपर

अब तक की तैयारियों में गंगा किनारे के ऊंचे भवनों पर अस्सी से दशाश्वमेध घाट तक 10 से ज्यादा एनएसजी स्नाइपरों की तैनाती की जाएगी। दूर तक मार करने वाली टेलिस्कोपिक गन से लैस इन स्नाइपरों की रेंज से बाहर कुछ नहीं होता। गंगा ओ-पार भी भारी फोर्स की तैनाती रहेगी। इनके अलावा एनडीआरएफ और पीएसी की फ्लड कंपनी की टुकडि़यां पानी में गश्त करेंगी और इनके गोताखोर किसी भी आपात स्थिति के लिए तैयार रहेंगे।

जांच के बाद सील होगा इलाका

यूं तो गंगा घाटों पर अभी से पीएसी की टुकडि़यां तैनात कर दी गई हैं। मगर कार्यक्रम से 24 घंटे पहले जल और थल की सघन तलाशी के बाद पूरा इलाका सील कर दिया जाएगा, मानो गंगा किनारे कफ्र्यू लगा हो। हालांकि संस्कृति विभाग घाटों की खूबसूरती बनाए रखने के लिए किनारे बंधी नावें हटाने के पक्ष में नहीं है। मगर इसपर अंतिम फैसला सुरक्षा जांच के बाद एसपीजी ही करेगी।