वाराणसी (ब्यूरो)। काशी संतों की नगरी है। यहां कई महान संतों ने जन्म लिया तो कई यहां आने के बाद यहीं के होकर रह गए। अनगिनत संतों की तपो भूमि होने के कारण यहां की मिट्टी भी पारस है। काशी के लहरतारा में संत कबीरदास और रविदास का जन्म हुआ था। यही वजह है कि कबीर व रैदास के अनुयायियों की लहरतारा से गहरी आस्था है। यह जगह प्राकट्य स्थल के रूप में प्रसिद्ध है। प्रदेश सरकार की ओर से इन दोनों संतों के नाम से काशी में संग्रहालय बनाने की घोषणा के बाद जमीन की तलाश शुरू हुई, लेकिन सफलता नहीं मिल पाई है। जमीन और संग्रहालय को लेकर दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की ओर से शुक्रवार को आयोजित वाराणसी कॉलिंग वेबिनार में संतों के साथ आम लोगों ने हिस्सा लिया। लोगों ने सुझाव के साथ सवाल भी किया कि जब दोनों संतों का जन्म लहरतारा में हुआ और यहां जमीन मौके पर उपलब्ध भी है तो आखिर क्या कारण है कि यहां संग्रहालय बनाने की दिशा में कदम नहीं उठाया जा रहा। यह भी लाखों लोगों की आस्था का विषय है। संतों के साथ आम लोगों ने कहा कि जहां जन्म, वहीं संग्रहालय बनना चाहिए। इन लोगों के सुझाव पर कैंट विधायक सौरभ श्रीवास्तव ने कहा कि जनभावनाओं का ख्याल रखा जाएगा। कबीर साहब का प्राकट्य स्थल लहरतारा है जो उनके विधानसभा क्षेत्र में आता है। उन्होंने लहरतारा में ही संग्रहालय के निर्माण का भरोसा दिलाया।
सद्गुरु कबीर साहेब लहरतारा के पवित्र तालाब में प्रकट हुए थे, जो पूर्व में 70 एकड़ में फैला था। समय के साथ कुछ जमीनों पर कब्जा हो गया है। इसके बावजूद यहां पर्याप्त जमीन है। सरकार की घोषणा के बाद भी म्यूजियम से संबंधित विभाग ने अभी तक कबीर साहेब के नाम से बनने वाले संग्रहालय के लिए कोई संपर्क नहीं किया। न ही लहरतारा में भ्रमण कर मौके की स्थिति देखी। जबकि इस समय भी प्राकट्य स्थल लहरतारा के ईद-गिर्द पर्याप्त जमीन है। लाखों अनुयायियों की इच्छा है कि यहीं पर संग्रहालय बनना चाहिए.
गोविंद दास, महंत कबीर प्राकट्य स्थल लहरतारा
जन्मभूमि अयोध्या में प्रभु श्रीराम के मंदिर का भव्य निर्माण चल रहा है। मथुरा में श्रीकृष्ण भगवान का भव्य मंदिर है तो लहरतारा से इतर संत कबीर दास का संग्रहालय क्यों बनेगा। जन्म स्थान लहरतारा में ही संग्रहालय बनना चाहिए। यह करोड़ों लोगों की आस्था से जुड़ा मामला है। लहरतारा के अलावा कहीं भी संग्रहालय नहीं बनना चाहिए।
कन्हैया मौर्या
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ संत हैं। वह संतों की भावनाओं का आदर भी करते हैं। पूरी उम्मीद है कि संत कबीर और रविदास के नाम से प्रस्तावित संग्रहालय जन्म स्थान लहरतारा में ही बनना चाहिए।
रीतेश श्रीवास्तव
लहरतारा क्षेत्र काफी बड़ा है। संग्रहालय के लिए पर्याप्त जमीन भी है। संत कबीर दास के नाम से बनने वाले संग्रहालय का निर्माण लहरतारा में ही होना चाहिए। यह भी लाखों लोगों की आस्था का विषय है। संत ही नहीं, बल्कि आमजन की भी यही इच्छा है।
अरुण सिंह
सतगुरु कबीर साहेब लहरतारा तालाब में प्रकट हुए। लहरतारा के पास मांडूर नगर में शिरोमणि रविदास का जन्म हुआ। जहां पर हर साल लाखों की तादात में अनुयायी देश विदेश से दर्शन करने के लिए आते हैं। इसलिए लहरतारा में ही संत कबीर व रविदास के नाम से म्यूजियम बनना चाहिए ताकि संतों को उचित सम्मान मिल सके.
उमेश सतसाहेब
लहरतारा सद्गुरु कबीर साहेब के मूल से जुड़े स्थानों में शीर्ष स्थल है। लहरतारा आश्रम 500 से अधिक वर्षों से अनेकों संतों की तपोभूमि व दीक्षा स्थली है। लहरतारा प्राचीन मठ कबीर साहेब के समृद्ध विचारों और विरासत का परिचायक है। लहरतारा में साहेब के नाम से भव्य संग्रहालय का निर्माण ही देश और दुनिया में प्रत्येक संत व जन के मन में खुशी का भाव उत्पन्न करेगा।
जयसिंह मेघवाल
सदगुरु कबीर प्राकट्य स्थली प्राचीन मंदिर, लहरतारा का प्रमाणिक इतिहास है। लहरतारा में संग्रहालय का निर्माण ही करोड़ों संत जनों में एक उम्मीद की किरण है। सद्गुरु कबीर साहेब एक विचार हैं, लहरतारा में संग्रहालय के माध्यम से इस विचार का संरक्षण होगा, जो करोड़ों संत जनों के लिए खुशी का विषय भी होगा।
रेणु कालवा, कृषि पर्यवेक्षक
लहरतारा में सतगुरु कबीर साहेब का म्यूजियम बनना चाहिए। जहां उनका जन्म स्थान है और उसी जगह से लोगों की आस्था जुड़ी है। स्वामी अष्ट आनंद महाराज जी की भी समाधि है। वहां आज भी काशी के राजा वीर देव सिंह बघेल द्वारा बनाया गया मंदिर भी है। लहरतारा सद्गुरु कबीर साहेब के प्रकट स्थल के नाम से ही जानते हैं। इस लिए जहां उनकी जन्मभूमि है, वहीं पर म्यूजियम बनाना उचित होगा।
रामकुमार दास, छत्तीसगढ़
किसी भी महान संत के नाम से प्रस्तावित संग्रहालय के निर्माण स्थल को लेकर जनभावना का ख्याल रखा जाना चाहिए। कबीर साहेब से जुड़े संत और उनके अनुयायियों से मंथन करना जिला प्रशासन की जिम्मेदारी है। मनमर्जी थोपना या अनुचित स्थान पर निर्माण किसी भी दशा में न्यायसंगत नहीं होगा।
संतोष दास
सभी अनुयायियों का विचार है कि सद्गुरु कबीर साहब का म्यूजियम कबीर प्राकट्य स्थल लहरतारा में बनना चाहिए। क्योंकि यूपी की योगी सरकार संतों के लिए समर्पित है। देश के कुछ कबीरपंथी विरोध करते हैं तो सद्गुरु कबीर साहब के लिए अपमानजनक होगा.
डॉ। रविभूषण कुमार, प्रवक्ता समाजशास्त्र
कबीर प्राकट्य स्थली लहरतारा के प्रति मेरी काफी आस्था है। पूर्व में शासन की मदद से 50 लाख रुपये से सौंदर्यीकरण व विकास कार्य कराया था। आगे भी प्रयास जारी रहेगा। संग्रहालय निर्माण के लिए जो भी सुझाव आया है, उसका स्वागत है। संतों व आमजनों की भावनाओं का ख्याल रखा जाएगा। लहरतारा मेरे विधानसभा क्षेत्र में आता है। यही पर संग्रहालय के निर्माण के लिए प्रयास भी होगा।
सौरभ श्रीवास्तव, विधायक कैंट