वाराणसी (ब्यूरो)। संदीप कुमार का चाइनीज मांझा से गला कटने से साफ पता चल रहा है कि मार्केट में प्रतिबंधित चाइनीज मांझा की बिक्री हो रही है। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने दालमंडी के कुंजी टोला और औरंगाबाद की में रियलिटी चेक किया तो आफ सीजन में भी कुछ दुकानों पर पतंग के साथ छुपकर चाइनीज मंझे की बिक्री की जा रही है। हालांकि सीजन में इन एरिया में एक दो नहीं बल्कि दर्जनों दुकानें मंझे और पतंग की लग जाती हंै।
औरंगाबाद में लगी दुकानें
बनारस में पतंगबाजी सितंबर से शुरू हो जाती है। इसके लिए दालमंडी की कुंजी टोला और औरंगाबाद में दर्जनों दुकानदार पतंग और मांझा लाकर बेचने लगते हैं। पिछले कुछ सालों से अब बारहों मास पतंग और मंझे की बिक्री खुलेआम हो रही है। यही वजह है कि प्रतिबंधित होने के बाद भी चाइनीज मंझे से शिवपुर के रहने वाले संदीप कुमार का गर्दन कट गया। सीजन आफ में भी चाइनीज मंझे से घटनाएं हो रही हैं। ऑन सीजन में तो कोई भी ऐसा दिन नहीं होता जिस दिन किसी का हाथ, पैर और नाक, कान, गला न कटता हो।
प्रतिबंधित के बाद भी बिक्री जारी
चाइनीज मंझे की बिक्री प्रतिबंधित होने के बाद भी मार्केट में इसकी बिक्री जारी है। दालमंडी के कुंजी टोला गली में इसका ताजा उदाहरण देखा जा सकता है। दुकानदार आगे पतंग की गड्डियां सजा रखे हैं और पीछे से चाइनीज मांझा चोरी चुपके बेचते हैं। देखने से पता नहीं चलेगा कि मांझा भी रखे हैं, लेकिन मांगने पर धीरे से बेच देते हैं। यह सिनेरियो औरंगाबाद में भी जारी है। लाख कोशिश के बावजूद मंझे की बिक्री पर आज तक अंकुश नहीं लग पाया। सभी को पता है कि इससे हादसा होता है लेकिन आज तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गयी।
पिछले साल हो चुके कई हादसे
प्रतिबंधित चाइनीज मंझे की बिक्री के खिलाफ सुबह ए बनारस के क्लब के अध्यक्ष मुकेश जायसवाल हर साल अभियान चलाकर प्रतिबंधित चाइनीज मंझे की बिक्री पर अंकुश लगाने की मांग करते हैं। इसके बाद भी मंझे की बिक्री जारी रहती है। पिछले साल भी मंझे की बिक्री पर अंकुश न लगने की वजह से एक दर्जन से अधिक लोगों का हाथ, पैर, कान और गर्दन मंझे से कट गया था। इसको देखकर पुलिस ने छापेमारी की थी, लेकिन इसका असर मार्केट में देखने को नहीं मिला। सीजन आने वाला है और मार्केट में अभी से चाइनीज मंझे की बिक्री शुरू हो चुकी है। मकर संक्रंाति आते-आते करोड़ों के कारोबार का वारा-न्यारा हो जाता है।
चाइनीज मांझा से निपटने के लिए शख्त प्लान बनाया जाएगा। चाइनीज मंझे की बिक्री के खिलाफ जल्द ही टीम बनाकर अभियान चलाया जाएगा। कहां-कहां दुकानें लगती है, उनके खिलाफ भी एक्शन लिया जाएगा।
एस चिनप्पा, एडिशनल सीपी
हर साल चाइनीज मंझे के खिलाफ अभियान चलाकर स्कूलों और कार्यालयों में जागरूक किया जाता है। इसके बाद भी बिक्री बदस्तूर जारी है। जब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं होगी तब तक लोग इसी तरह से घायल होते रहेंगे।
मुकेश जायसवाल, अध्यक्ष, सुबह ए बनारस क्लब