मऊ : दलित की गैर इरादतन हत्या तथा जातिसूचक शब्दों का प्रयोग कर अपमानित करने के घोसी थाना क्षेत्र के एक मामले में इसी थाना क्षेत्र के बिरैचा निवासीगण जनार्दन, रामबृक्ष, संगी उर्फ संतराज व परमा को विचारण के उपरांत अनुसूचित जाति-जनजाति की विशेष अदालत के न्यायाधीश हरेंद्र प्रसाद ने दोषी पाया। वहीं, इस मामले में आरोपित मनोज, बबलू व सुनील के नाबालिग होने पर उनकी पत्रावली अलग कर किशोर बोर्ड भेज दिया। इस मामले में आरोपितों को सजा के बिंदु पर सुन कर न्यायालय ने दोष सिद्ध आरोपितों को वादी को जाति सूचक शब्दों का प्रयोग कर अपमानित करने के एससी-एसटी के अपराध में आजीवन कारावास व 10,000 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। वहीं वादिनी मुकदमा के पति राम नरायन की गैर इरादतन हत्या के आरोप में दस वर्ष का कठोर कारावास व पांच हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई।