मऊ: प्राकृतिक आपदा से प्रभावित परिवारों के लिए सरकार पूरी तरह से संजीदगी बरत रही है। मृत्यु के चौबीस घंटे के अंदर ही पीडि़त परिवार के लाभार्थी को धनराशि प्रदान की जा रही है। अब तक आपदा से प्रभावित 26 परिवारों को एक करोड़ चार लाख रुपये प्रदान किए जा चुके हैं। इसमें डूबने, सर्पदंश व वज्रपात के लाभार्थी शामिल हैं। सरकार के इस फैसले से पीडि़त परिवार की गाड़ी पटरी पर खिंच रही है.वित्तीय वर्ष में शासन की तरफ से आपदा के लिए भारी भरकम धनराशि दी गई थी। इसमें सर्पदंश व वज्रपात के लिए 1.20 करोड़ रुपये स्वीकृत किया गया था। इसमें 80 लाख रुपये वज्रपात व 40 लाख रुपये सर्पदंश के लिए है। इसके अलावा डूबने से मौत पर सरकार के कोष भी पूरी धनराशि है। मौत के चौबीस घंटे के अंदर मृतक के लाभार्थियों को चार लाख रुपये की धनराशि प्रदान की जा रही है। जनपद में अब तक वज्रपात से पांच, डूबकर मरने से 18 व सर्पदंश से तीन लोगों की मौत हो चुकी है। इनको चार-चार लाख रुपये की मुआवजा राशि दी गई है। अब तक कुल 26 लाभार्थी को एक करोड़ चार लाख रुपये दिए गए हैं। प्रति परिवार चार-चार लाख रुपये दिया गया है।
छह जुलाई को मुहम्मदाबाद गोहना के तेंदुली निवासी निशा पुत्री सुरेश की सांप के काटने से मौत हो गई थी। उसकी मां ममता को चार लाख रुपये प्रशासन की तरफ से चौबीस घंटे के अंदर दे दिया गया। मुहम्मदाबाद गोहना के भुसुआ निवासी शशिकला पत्नी रामजनम की मौत 09 जुलाई, सदर तहसील क्षेत्र के सेमराजपुर निवासी रेखा सैनी पत्नी दीपक कुमार की मौत 10 जुलाई को वज्रपात से हो गई थी। मधुबन के धर्मपुर विशुनपुर निवासी मुकेश यादव की मौत 09 मई व बैरमपुर निवासी मीना देवी पत्नी अच्छेलाल की मौत् 27 जून को आकाशीय बिजली से हो गई थी। इनके स्वजन को चार-चार लाख रुपये प्रदान किया गया। इसी प्रकार 15 जुलाई को मुहम्मदाबाद गोहना के दौलसेपुर निवासी कुमकुम की सर्पदंश से मौत हो गई थी। सदर के लसड़ा गांव निवासी गोविंद पाल की भी सर्पदंश से मौत् होने पर इनके स्वजन को चार-चार लाख चौबीस घंटे के अदंर दे दिया गया। इसी प्रकार अन्य परिवारों को भी धनराशि दी गई।