वाराणसी (ब्यूरो)। सरस्वती माई पहुंचीं अंगनाई, उमंग भरी बसंत छाई। ज्ञान व सर्वविद्या की राजधानी काशी में विद्यादात्री की अगुवानी करते भक्तों ने जयकारा लगाया तो पूजन स्थल को चकाचक कर सजाने-संवारने में सुबह से रात बिताई। गुरुवार को सरस्वती पूजन में महादेव की नगरी लीन रहेगी। इसके चलते विभिन्न क्लबों, संगठनों, घरों, स्कूलों सहित पठन-पाठन के हर स्थान पर तैयारियों को श्रमदान चलता रहा। पूजनोत्सव की तैयारियों के लिए सार्वजनिक अवकाश का दिन 26 जनवरी मिला तो उत्साह दिखा.
पंडालों में पहुंची मूर्तियां
इसके साथ ही शिल्पकारों के आहते से विभिन्न क्लबों व पूजन समितियों द्वारा सरस्वती प्रतिमाओं के पूजन स्थल व मंडप तक पहुंचाया जाता रहा। ट्राली, पिकप और टैम्पो-ट्राली सहित गोद में भी उठाकर विभिन्न प्रतिमाओं संग चलते उत्साही युवक उद्घोष करते रहे। वहीं, कई क्षेत्रों में खोदाई के चलते हिचकोले खाती हुई प्रतिमाएं पूजा पंडालों में पहुंची.गलियों में बने पूजा पंडालों तक प्रतिमाओं को युवकों ने कांधे पर उठाकर पहुंचाया.
खरीदारी को उमड़ी भीड़
मूर्तिकारों के अलावा लक्सा, जद्दूमण्डी, दशाश्वमेध, लंका, पाण्डेपुर, अस्सी, दुर्गाकुण्ड आदि क्षेत्रों में लगी अस्थायी दुकानों पर भी छोटी-बड़ी देवी प्रतिमाओं की खरीदारी करने को भीड़ जुटी रही। मूर्तियों के अलावा पूजन सामग्री की भी बिक्री खूब हुई। बाजार में पूजन सामग्रियों की खरीददारी में महिलाओं की संख्या ज्यादा रही.
चुनरी-माला की मांग
पूजन सामग्रियों से सजी दुकानों पर खरीदार माता रानी की मूर्तियां बेहद सधे रूप से चुन रहे थे। खरीदारों ने खासतौर पर देवी सरस्वती की बनी प्रतिमाओं को अपने साथ ले जाते रहे। मूर्तियों का रेट 200 से पांच हजार रुपये तक था। इसमें बांग्ला शैली, कमलफूल पर विराजीं, साड़ी पहनी मूर्तियों के अलावा त्रिशूल-डमरू और छत्रधारी सरस्वती प्रतिमाएं शामिल रहीं.
चुनरी की भी डिमांड
वहीं, माता की चरने और पूजन स्थान पर बिछने वाली पीली चुनरी पांच से 100 रुपये तक रही तो उन्हें चढऩे वाली रेशमी माला भी इतने ही कीमत पर बेची गयी। वहीं, छोटी प्रतिमाओं का रंगों से रूप निखारने का काम मूर्तिकार द्वारा चलता रहा.
स्टूडेंटस करें पूजन
इस दिन गंगा स्नान से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है। स्नानोपरांत असहाय, गरीबों को दान देना चाहिए। विद्यार्थियों व शिक्षार्थियों को मां सरस्वती का पंचोपचार व षोडशोपचार पूजन करना चाहिए। माता सरस्वती ज्ञान-विज्ञान, बुद्धि-विवेक और शिक्षा की देवी है। अत: उनकी पूजा से विशेष कृपा प्राप्त होती है।