वाराणसी (ब्यूरो)। आप, आपका परिवार, रिश्तेदार या कोई जानकार भी 'डिजिटल अरेस्टÓ हो सकता है। यह साइबर ठगी का नया तरीका है। ठग नई-नई मॉडस ऑपरेंडी इस्तेमाल कर रहे हैं। ताजा मामला वाराणसी में एक रिटायर्ड लेडीज को 'डिजिटल अरेस्टÓ करके 3.55 करोड़ रुपए की ठगी कर ली। यही नहीं, सेना के नाम इमोशनल अटैक कर चेतगंज के मनीष सेठ के खाते से चार लाख रुपए उड़ा दिए। लड़की ने लव अटैक में फंसाकर चित्तईपुर के राजीव गोयल के खाते से सात लाख निकाल लिये। इस तरह के नए ट्रिक से साइबर फ्रॉड करने वाले क्रिमिनल से बचना बहुत जरूरी है। आपकी थोड़ी सी लापरवाही जीवनभर की कमाई गंवा सकती है। ये तरीका अपनाकर आप न सिर्फ खुद, बल्कि अपनों को सेफ रख सकते हैं.
डर की नई ट्रिक
साइबर क्राइम सेल के एक्सपर्ट विराट सिंह ने बतायाए साइबर अपराधी 'डरÓ की नई नई ट्रिक इस्तेमाल कर रहे हैं। मसलन, कूरियर, पैकेट में मिले सिम, ड्रग्स, आधार कार्ड का मिसयूज, मनी लॉन्ड्रिंग, टेररिस्ट कन्वर्जन में आपके मोबाइल नंबर का यूज हो रहा था जैसी कई ट्रिक हैं। यह पूरा सेटअप 'डरÓ का है.
कैसे बनाते हैं विक्टिम?
पुलिस स्टेशन जैसे सेटअप से वीडियो कॉल कर विक्टिम को बुरी तरह डराए रहते हैं। आधार कार्ड, पैन कार्ड की डिटेल बताकर विक्टिम यकीन दिलाते हैं कि आपका संदिग्ध एक्टिविटी में नाम आ चुका है। फिर वेबकैम, स्काईप, मोबाइल से वीडियो पर आमने-सामने होकर कई घंटे मकसद पूरा होने तक डर में बांधे रखते हैं। विक्टिम को फोन बंद नहीं करने देते। जब वे समझ जाते हैं कि डर के मारे विक्टिम अब उनकी सारी बातें फॉलो कर रहा है। इतने में विक्टिम का डिस्क्लोजर ले लेते हैं, जिसमें बैंक अकाउंट, म्यूचुअल फंड, शेयर, इनवेस्टमेंट, घर के सदस्यों की संख्या, प्रॉपर्टी की डिटेल, सभी के मोबाइल नंबर, घर का एड्रेस, प्रफेशन, मंथली इनकम जैसी पर्सनल जानकारियां। उसके बाद वह अपने रुख में नरमी दिखाकर कहते हैं कि आप ईमानदार और निर्दोष हैं, लगता है आप गलत फंस गए हैं.
इस तरह उलझाते हैं
वे विक्टिम को कहते हैं कि हम आपके सभी फाइनैंशल अकाउंट्स की स्टडी करेंगे। तब तक आप सारा पैसा गवर्नमेंट ऑफ इंडिया के बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कीजिए। स्टडी करने के बाद पैसा आपको वापस कर दिया जाएगा। कानूनी फंदे और शिकंजे में फंसने से बचने के चक्कर में विक्टिम सारा पैसा गंवा देता है। 'डरÓ की यही मॉडस ऑपरेंडी चल रही है। हमारे पास ऐसे कई केस आए हैं। उनकी इन्वेस्टिगेशन चल रही है.
मालवेयर अटैक : इस अटैक में एक संदिग्ध सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया जाता है। इसका मकसद कंप्यूटर सिस्टम को नुकसान पहुंचाना होता है। इसे इस तरह से डिजाइन किया गया होता है कि यह वायरस, वर्म्स, ट्रोजन और रैंसमवेयर का रूप ले सकता है.
फिशिंग अटैक : फिशिंग अटैक साइबर अटैक की दुनिया में सबसे आम तरीका है ठगी का। इसमें यूजर्स के पासवर्ड और क्रेडिट कार्ड नंबर जैसी संवेदनशील जानकारी चुराई या फिर धोखे से ले ली जाती है.
पासवर्ड अटैक : पासवर्ड अटैक का मकसद पासवर्ड को क्रैक करना होता है या फिर संवेदनशील जानकारी तक पहुंच बनाना.
स्मिशिंग : संदिग्ध ईमेल या फिर एसएमएस के जरिए ऑनलाइन फ्र ॉड को अंजाम देना स्मिशिंग कहलाता है। हाल के दिनों में ऐसे हमले तेजी से बढ़े हैं। लॉटरी ईमेल, बैंक अकाउंट में अपडेशन के बहाने बनाकर ऐसे मैसेज भेजे जाते हैं और फिर एक लिंक के जरिए यूजर्स की सारी जानकारियां चुरा ली जाती हैं.
बचाव के लिए रखें याद
भारतीय कानून में डिजिटल अरेस्ट नाम की कोई चीज नहीं होती.
ऐसी कॉल आए तो डरें नहीं, कट कर दें। घर के मेंबर, दोस्तों को जरूर बताएं.
जिन नंबरों से सीबीआई, ईडी, पुलिस के नोटिस भेजें, उन नंबरों को ब्लॉक कर दें.
अपना डर निकालने के लिए 1930 या 112 में कॉल करें
डर का फायदा उठाकर कोई वर्दी पहनकर आ जाए तो भी 112 पर कॉल करें.
पीसीआर (पुलिस) आएगी तो नकली पुलिस वाला खुद ही भाग जाएगा.
कोई फर्जी पुलिस आ जाए तो दरवाजा न खोलें, पर्सनल डिटेल किसी को न दें.