--PM के कार्यक्रम से जुड़े एरिया को छोड़ शहर के बाकी स्थानों की दशा है काफी खराब

-होल और गड्ढों से पटे है शहर के कई एरिया

-बडे़-बड़े होल बनते हैं जाम का सबब, राहगीरों को होती है परेशानी

VARANASI

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जब भी बनारस आएं तो हमारे एरिया से जरूर गुजरें। कुछ ऐसे ही बोल काशी वासियों की जुबान से बरबस ही निकल पड़े हैं। इसकी वजह भी खास है कि पीएम के आने से पहले ही उनके गुजरने वाले संभावित मार्गो का कल्याण हो जाता है। गंदगी तो दूर वहां की सालों से उपेक्षित सड़कों का भी कायाकल्प हो जाता है। इसे अंजाम देने वाले कोई बाहरी नहीं, बल्कि संबंधित विभाग के जिम्मेदार अधिकारी होते हैं। शहर में यह परिपाटी एक बार फिर शुरू हो गयी है। आगामी ख्ख् सितम्बर को पीएम नरेन्द्र मोदी के कार्यक्रम से जुड़े एरिया को छोड़ दें तो शहर के बाकी स्थानों की दशा काफी खराब है।

पोल खोल रहे ओपन होल

वीवीआईपी मूवमेंट से बाहर के एरिया में गड्ढे और ओपन ड्रेनेज लाइन पर किसी की निगाह हीं नहीं जा रही है। इनमें नदेसर सफाई चौकी के पीछे सोक पीट का ढक्कन जुगाड़ से लगाया गया है जो कभी भी हादसे की वजह बन सकता है। इसी प्रकार लबे रोड शास्त्री पार्क के बाहर और दुर्गाकुंड रोड पर सीवर का ओपन चैम्बर दुर्घटना को आमंत्रित कर रहा है। वहीं सिगरा-महमूरगंज को जोड़ने वाली गली में स्थित ओपन ड्रेनेज लाइन में गाडि़यों का पहिया फंस जाता है। इसके चलते वहां जाम की समस्या क्रिएट हो जा रही है। जिसमें फंसकर पब्लिक को परेशान होना पड़ता है।

बीत गयी मियाद

प्रदेश के चीफ मिनिस्टर आदित्यनाथ योगी ने बनारस की सड़कों को गढ्डा मुक्त बनाने के लिए प्रशासनिक अधिकारियों को डेड लाइन जारी किया था। पिछले समीक्षा बैठक में उन्होंने संबंधित विभाग के अधिकारियों को खरी-खोटी भी सुनाई थी। मुद्दा था शहर वासियों को उबड़-खाबड़ सड़कों और गड्ढे व खुले नालों से होनी वाली समस्या का। बहरहाल सीएम के डेड लाइन का टाइम पूरा हो गया है। लेकिन अभी तक शहर के विभिन्न इलाकों में हादसे का सबब बने ओपन होल को कवर्ड नहीं किया गया।

नियम क्या कहता है

नियमानुसार आबादी भरे इलाकों में ड्रेनेज लाइन को ओपन नहीं रखा जा सकता है। संबंधित विभाग की ओर से उन्हें ढक्कन या फिर कंक्रीट के पत्थर से कवर्ड रखना अनिवार्य है। सीवरेज वर्क के बाद चैम्बर खुला मिला तो जिम्मेदार अधिकारी या फिर कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है। कुछ और भी कायदे कानून हैं। लेकिन यहां इस तरह के नियमों का रोज उल्लंघन होता है।

वर्जन

डेवलपमेंट वर्क के चलते कई जगह होल ओपन हैं। लेकिन जल्द ही इन्हें ढक्कन से कवर्ड कराने की व्यवस्था की जाएगी।

कैलाश सिंह, चीफ इंजीनियर, नगर निगम