वाराणसी (ब्यूरो)बनारस में उल्टी गंगा बह रही हैममता रानी एडीसीपी महिला अपराध के पास महिलाएं कम, पुरुष ज्यादा पहुंचेशिकायतें भी अजीबो-गरीब हैं। 'कोई कह रहा है कि मैडम हमारी पत्नी मायके चली गई है, आ नहीं रही हैतो किसी को ये शिकायत है कि 'पत्नी साथ नहीं रहती, किराये के मकान में अकेले रहती हैकोई ये शिकायत लेकर पहुंच रहा है कि 'पत्नी बच्चों की देखभाल नहीं कर रही हैÓ तो किसी की शिकायत ये है कि 'मेरी वाइफ मेरी बात नहीं सुनती हैकमिश्नरेट पुलिस मुख्यालय में आयोजित जनसुनवाई में इस तरह की शिकायतें हर दिन औसतन छह पहुंच रही हैं

गलत तो पति ही निकले

जनसुनवाई में महिला से संबंधित आने वाली शिकायतों का त्वरित निस्तारण कराया जाता हैपतियों की शिकायतों की जांच-पड़ताल शुरू होती है तो चौंकाने वाली जानकारियां सामने आती हैंपत्नी मायके चली गई है, आ नहीं रही है, मामले की जांच के दौरान पत्नी ने पति पर कई गंभीर आरोप लगाएपत्नी ने बताया कि मेरे पति का जेठानी से अवैध संबंध हैऐसी स्थिति में कौन पत्नी साथ रहेगीमेरी पत्नी मेरे साथ नहीं रहती है मामले की जांच में पत्नी ने बताया कि मेरे पति हर दिन शराब पीकर आते हैंअजीबों-गरीब हरकत करने के लिए दबाव बनाते हैनहीं करने पर मारते-पिटते हैंऐसे पति के साथ एक दिन भी रहना संभव नहीं हैइसलिए मैं अकेले रहने लगी हूं

हर दिन सात महिलाएं शिकार

एनसीडब्ल्यू के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार महिला उत्पीडऩ के मामले लगातार बढ़ रहे हैंसबसे अधिक आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश में 2022 में महिलाओं के खिलाफ अपराध की सबसे अधिक 15,828 शिकायतें दर्ज की गई हैंवाराणसी की बात करें तो यहां हर दिन औसतन सात महिलाएं उत्पीडऩ की शिकार होती हैहालांकि महिला अपराध रोकने के लिए महिला एडीसीपी की तैनाती से महिलाओं को त्वरित न्याय मिल रहा है, लेकिन उत्पीडऩ की घटनाएं कम नहीं हो रही हैं

जनसुनवाई में पत्नी की शिकायत लेकर कई पुरुष भी आते हैंशिकायती पत्र में तरह-तरह आरोप भी लगाते हैं, लेकिन अधिकतर मामलों की जांच की जाती है तो तो मामला उल्टा निकलता हैपुरुष के उत्पीडऩ से महिलाएं आज भी काफी परेशान हैं.

ममता रानी, एडीसीपी महिला अपराध