वाराणसी (ब्यूरो)। मुख्तार अंसारी गैंग के साथ जुड़कर कृष्णानंद हत्याकांड में शामिल रहे संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा की लखनऊ न्यायालय परिसर में अधिवक्ता के वेश में गोली मारकर हत्या करने के मामले में पकड़ा गया विजय यादव जौनपुर के केराकत क्षेत्र के सुल्तानपुर गांव का रहने वाला है। वह दो माह से लखनऊ में रहकर पेयजल पाइप लाइन डालने का काम कर रहा था। पिछली बार 11 मई को वह घर से गया, तब से परिवार वालों के संपर्क में भी नहीं था। 15 दिन से उसका मोबाइल भी स्विच आफ बता रहा था। घटना में उसका नाम आने के बाद बुधवार शाम पुलिस ने उसके घर पर पहुंचकर उसके परिवार, साथियों व रिश्तेदारों के बारे में जानकारी ली।
दो माह से लखनऊ में
विजय यादव के पिता श्यामा यादव ने बताया कि वह दो माह से लखनऊ में रहकर पेयजल पाइप लाइन डालने का काम कर रहा था। इसके पूर्व मुंबई में टाटा कंपनी में काम करता था। उसका मोबाइल बंद होने के कारण परिवार से उसका संपर्क नहीं हो पा रहा था। पिता ने बताया कि विजय यादव की पढ़ाई जौनपुर से ही हुई है। मोहम्मद हसन पीजी कालेज जौनपुर से 2016 में बीकाम उत्तीर्ण किया। इसी दौरान आजमगढ़ के देवगांव क्षेत्र की एक नाबालिग के अपहरण व दुष्कर्म के मामले में उस पर 363 व 366, पाक्सो एक्ट में देवगांव थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। केस आजमगढ़ में चल रहा था। एक माह पूर्व ही उसमें सुलह हुई है। इसके साथ ही केराकत थाने में 2020 में कोविड प्रोटोकाल उल्लंघन का मामला भी दर्ज है। पिता श्यामा खेती-किसानी करते हैं।
चार भाइयों में दूसरा
विजय यादव चार भाइयों में दूसरे नंबर का है। बड़े भाई स्वतंत्र यादव की शादी हो चुकी है जो दिल्ली में रहकर हुंडई कंपनी में कार्य करते हैं, तीसरे नंबर का भाई 19 वर्षीय सत्यम यादव व चौथे नंबर का 17 वर्षीय सुंदरम घर पर रहकर पढ़ाई करते हैं। घटना के संबंध पिता ने बताया कि अभी इस संबंध में उसे कोई जानकारी नहीं है। वह दो माह पूर्व जौनपुर निवासी पिंटू के साथ लखनऊ गया था।
विजय यादव पर दो मुकदमे दर्ज हैं। एक आजमगढ़ के देवगांव व दूसरा केराकत कोतवाली में कोविड नियमों के उल्लंघन का। उसके बारे में अन्य जानकारी भी जुटाई जा रही है। उसके संपर्क में रहने वालों का भी आपराधिक इतिहास खंगाला जा रहा है।
डॉ। अजयपाल शर्मा, पुलिस अधीक्षक, जौनपुर