वाराणसी (ब्यूरो)मंदाकिनी तीर्थ की स्मृति संजोए हुए मैदागिन चौराहा कभी ऋषि-मुनियों की तपोस्थली हुआ करती थीयहां गोरक्षनाथ मंदिर में दूर-दराज से महात्मा आकर तप करते थे, वहीं जैन मंदिर में भी जैन समुदाय के लोग वास करते थेउस समय यहां पर न तो दुकानें थीं और न ही आटो स्टैंडधीरे-धीरे विकास की बयार में इस कदर सबकुछ बदला कि आज यह क्षेत्र सबसे व्यस्ततम क्षेत्र बन गया हैमिडिल क्लास फैमिली के लिए सबस बड़ा मार्केट बन गया हैलेडिज सूज, साड़ी से लेकर बच्चों के गारमेंट्स का एक से एक कलेक्शन का हब बन गया हैचौराहे के पूरब व पश्चिम की तरफ आटो स्टैंड, दायीं ओर पटरी व्यवसायियों का अतिक्रमण तो बायीं ओर दूर-दराज से मुर्दा लेकर आए वाहनों की कतारें लगी रहती हंै.

शूज-गारमेंट्स के अलावा नमकीन का का बिजनेस

मैदागिन क्षेत्र में 50 साल पहले सन्नाटा थाक्षेत्र में महज एक-दो ही दुकानें थींधीरे-धीरे मैदागिन पटरी व्यावसायियों का सबसे बड़ा बाजार बन गया हैयहां पर करीब दो सौ से अधिक गुमटियां हैइसके अलावा सौ गारमेंट्स और साडिय़ों का शोरुम हैगुमटियों में जूते, कपड़े के अलावा नमकीन, टाफी की दुकानें लगती हैंये दुकानें सभी टाउनहाल की दीवार से सटी हुई है्रटाउनहाल के पीछे मालवीय मार्केट है जहां पर साड़ी, ब्रेकरी, जूता व रेडिमेड गारमेंट्स की करीब सौ से अधिक दुकानें हैंआम दिन हो या खास दिन दुकानों पर ग्राहकों की भीड़ रहती है

50 लाख का होता कारोबार

मैदागिन क्षेत्र में एक तरफ टाफी, बिस्कुट व नमकीन की दुकानें है तो दूसरी तरफ रेडिमेड गारमेंट्स की दुकानें हैंयहां 50 लाख का कारोबार होता हैमालवीय मार्केट के बगल में गोलघर है जो साडिय़ों के लिए प्रसिद्ध हैयहां पर रेशमी, फैंसी साडिय़ों के लिए लेडिज कुर्ता, कतान की साडिय़ों का केंद्र हैप्रतिदिन यहां हजारों टूिरस्ट भी खरीदारी के लिए आते हैं, क्योंकि थोड़ी ही दूर पर बाबा भैरवनाथ का मंदिर है

मिडिल क्लास फैमिली के लिए बेस्ट

मैदागिन मार्केट के दुकानदारों का कहना है कि यहां पर पड़ाव, बहादुरपुर, प्रहलादघाट, सरैया, कोनिया, कज्जाकपुरा, जलालीपुरा, कोयलाबाजार, मच्छोदरी समेत कई क्षेत्र से कस्टमर्स आते हैंशादी विवाह के सीजन में काफी भीड़ रहती हैहर जरूरत का सामान मिल जाता है, वह भी रिजनेबल दामों मेंयही वजह है कि यहां पर कस्टमर्स की भीड़ हमेशा लगी रहती है.

गोलघर में टूरिस्टों की भीड़

गोलघर में टूरिस्टों की काफी भीड़ रहती हैबाबा भैरवनाथ का दर्शन करने जो भी श्रद्धालु आते हैं, वह साड़ी वगैरह की खरीदारी जरूर करते हैंइसके बाद वह मैदागिन मार्केट में खरीदारी के लिए जाते हैंमालवीय मार्केट में भी शूज से लेकर बेल्ट तक की दुकानें हैैं, जो वेडिंग सीजन में खरीदारों से भरा रहता है.

60 साल पुराना मार्केट हैइस मार्केट में पूरे पूर्वांचल से कस्टमर आते हैंशादियों के सीजन में सबसे अधिक ग्राहक आते हंै.

संतोष यादव, दुकानदार

मिडिल वर्ग के लिए सबसे अच्छा मार्केट हैयहां हर रेंज के कपड़े आसानी से मिल जाते हंैयही वजह है कि यहां पर कस्टमर्स आते हैं.

अतुल गुप्ता, साड़ी विक्रेता

यह ऐसा मार्केट है जहां साड़ी, शूज, नमकीन से लेकर बच्चों के कपड़े भी मौजूद हंैइस मार्केट में जो भी आता है उसको सभी वेरायटी मिल जाती है.

संजू जायसवाल, दुकानदार

इस मार्केट में हर रेंज के कपड़े मौजूद हैंकाफी रिजनेबल रेट पर मिल रहा हैयहां बिस्कुट से लेकर साड़ी, नमकीन की दुकानें है.

वर्शिका, कस्टमर

बाबा कालभैरव के दर्शन करने के बाद बीच में ही यह मार्केट पड़ता हैआसानी से सबकुछ एवलेबल है.

अंजलि, कस्टमर

इस मार्केट की सबसे खास बात यह है कि उचित दाम पर कपड़े, साड़ी वगैरह मौजूद हैैंहर लोगों की पसंद को देखते हुए मार्केट में सामान है.

नव्यता, कस्टमर