सफलता के शिखर छूना कोई आसान काम नहीं है। परिश्रम की आंच में तपना होता है। लाखों कठिनाइयों को पार करने वाला ही ऊंचा उठता है। चंद महीनों या चंद साल में सफलताएं नहीं हासिल होती, उसके लिए एक लंबा सफर तय करना पड़ता है। यह मानना है आइडियल ग्रुप ऑफ इंडस्ट्रीज के सीएमडी एलआर मौर्य का। सफलताओं में चार चांद कैसे लगाया जाता है इसे साबित कर रहे हैं एलआर मौर्य। खेती-किसानी से उठकर टॉप कॉरपेट बिजनेस के साथ कदमताल करते हुए आज शहर के सबसे बडे़ होटल इंडस्ट्री में शुमार किए जाते हैं एलआर मौर्य। जिन्होंने अर्श से फर्श तक का सफर यूं ही नहीं तय किया बल्कि उसके लिए अपने आप को परिश्रम की भट्ठी में तपाया है।
मेहनत, ईमानदारी से नहीं किया समझौता
बचपन में पिताजी के साथ धरती मां की सेवा सत्कार के जरिये अन्नदाता की भूमिका में रहने वाले एलआर मौर्य बताते हैं कि शुरूआत का दिन बहुत ही संघर्षो के साथ बीता। तय नहीं था कि भविष्य में क्या करूंगा? लेकिन इतना जरूर यकीन था कि कुछ न कुछ तो बड़ा काम करना ही है जिससे समाज में एक नया संदेश जाए, जिसका आने वाली पीढ़ी भी अनुसरण करें। युवावस्था के दौरान भदोही में पिताजी के साथ कॉरपेट बिजनेस से जुड़ा। मेहनत के बूते धीरे-धीरे कॉरपेट बिजनेस में परिपक्व होता गया। या यूं कह लीजिए कि इसका पूरा फंडा समझ गया था। यही वजह थी कि 1995 से 2000 तक अमेरिका के अर्टलांटिका मार्ट में कॉरपेट बिजनेस में छाया रहा। मेहनत और ईमानदार से कभी समझौता नहीं किया।
यही टेम्पो बनाये रखने की कोशिश
काशी में टूरिज्म को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले एलआर मौर्य बताते हैं कि सब कुछ ठीक ठाक चला मगर, आर्थिक मंदी ऐसी आई कि कॉरपेट बिजनेस उखड़ गया। इस वजह से अमेरिका में बसा बसाया पूरा सेटअप लेकर वापस इंडिया आना पड़ा। हालांकि उसके पहले ही होटल की नींव रख चुका था। अमेरिका से आने के बाद होटल इंडस्ट्रीज को बढ़ावा देने में जुट गया। साल 2007 में होटल संभालना शुरू कर दिया। मूड बना लिया कि अब होटल बिजनेस के जरिये ही शहर का नाम रौशन करना है। आज सात समंदर पार से जब लोग यहां आते हैं और अच्छी सुविधाएं प्राप्त करते हैं तो निश्चित ही होटल के साथ-साथ शहर का भी नाम ऊंचा होता है। फॉरेन में अपने देश और शहर का नाम गूंजता है तो एक अलग ही सुखद अनुभूति होती है। बस यही टेम्पो बनाए रखने की पुरजोर कोशिश है।
सामाजिकता में नहीं है कोई सानी
लगनशीलता और परिश्रम का ही असर मानेंगे कि आईडियल ग्रुप ऑफ इंडस्ट्रीज में होटल की संख्या बढ़ गई है। कैंटोनमेंट स्थित होटल अमाया और होटल रिवाटास के जरिये टूरिज्म को बढ़ावा दे रहे एलआर मौर्य बताते हैं कि उम्मीद यही करता हूं कि आने वाली जेनरेशन भी ईमानदारी के साथ मेहनत करे। संघर्षो से कभी अपने कदम पीछे न खींचे। बाबा विश्वनाथ के प्रति अथाह आस्था रखने वाले श्री मौर्य सामाजिक कार्यो में बढ़-चढ़कर हिस्सेदारी लेते हैं। गवर्नमेंट आर्मी वेलफेयर फंड में हर मंथ अपने समस्त स्टाफ के साथ कंट्रीब्यूट करते हैं। गरीब, असहायों, अनाथालय और वृद्धाश्रम में समय-समय पर पहुंचकर भरपूर सहयोग करते हैं। यही नहीं, शिवजी में इतनी भक्ति है कि लालानगर, गोपीगंज में एक शिव मंदिर का भी निर्माण करा चुके हैं। भदोही में आइडियल कॉरपेट्स लिमिटेड का काम छोटे भाई श्रीराम मौर्य संभालते हैं।
नाम- एलआर मौर्य
पद- सीएमडी, आईडियल ग्रुप ऑफ इंडस्ट्रीज
बेटा- तुषार मौर्य, तीन बेटियों की शादी हो चुकी है।
-पसंद
मूवी- बागबान
खाना- वेजेटेरियन
हॉबी- काम करते रहना
पसंदीदा प्लेस- बनारस
पसंदीदा गाड़ी- मर्सिडीज
अचीवमेंट
-भदोही कॉरपेट को जीआई का लेवल दिलाने में खास योगदान रहा है
-कॉरपेट बिजनेस को ऊंचाईयों पर पहुंचाया
-बनारस में स्थापित किये रेटेड होटल्स
-होटल इंडस्ट्रीज के जरिये विदेशों में बढ़ा रहे बनारस का मान