वाराणसी (ब्यूरो)। चैत्र शुक्ल पूर्णिमा तिथि पर अंजनी के लाल जन्मे और उनके गुणगान व महिमा बखान करते श्रद्धालु निहाल हो गये। बृहस्पतिवार को चहुंओर जय महावीर हनुमान गूंजा और हर मन बजरंगबली को पूजा। किसी ने केसरीनंदन के बाल रूप को पूजा तो कोई उनके रुद्ररूप को खोजा। कहीं संकट हरने की कामना तो कहीं उनके प्रकट होने की आराधना होती रही। चालीसा और सुंदरकांड पाठ संग राम नाम की मानो लूट मची रही। आरती की आभा बिखरी तो भक्ति से पूरित हर मन हनुमत छवि पर न्योछावर रहा और प्रभु चरणों में यही सुमिरा कि च्संकट कटै, मिटै सब पीड़ा
संकट मोचन मंदिर में बैठकी श्रृंगार
संकटमोचन के दरबार में आस्था वालों का हुजूम उमड़ पड़ा था। परंपरा के अनुसार संकट मोचन भगवान का बैठकी श्रृंगार किया गया। एकमात्र चैत्र पूर्णिमा की हनुमान जयंती का दिन ही होता है जब संकट मोचन भगवान को बैठी हुई मुद्रा में श्रृंगारित किया जाता है। प्रात: छह बजे हनुमानजी की विशेष पूजन-आरती की गई। इसके बाद भक्तों को झांकी दर्शन मिले। महंत प्रो। विश्वम्भर नाथ मिश्र ने भक्तों में प्रसाद वितरित किया। प्रात: सात बजे से रामायणजी के आरती-पूजन का विधान पूर्ण करने के बाद रामायण का एकाह पाठ आरंभ हुआ.सायंकाल श्रीरामकृष्ण मिशन के सन्यासियों द्वारा भजन-कीर्तन किया गया.इसके उपरांत रामचरितमानस के सुंदरकांड का अखंड पाठ चैती की धुन पर किया गया.यह पाठ अगले दिन ब्रह्म मुहूर्त तक चला.
महाबली को 75 फीट लंबा ध्वज अर्पित
भिखारीपुर तिराहे से निकली श्री हनुमत सेवा समिति की ध्वजा शोभायात्रा अद्भुत रही.देश के अमृत महोत्सव का अनुसरण करते हुए भक्त शिरोमणि को 75 फीट लंबा ध्वज अर्पित किया गया.इतना ही नहीं, 30 हजार से ज्यादा नर-नारियों एवं बाल श्रद्धालुओं ने 5100 ध्वजाएं महाबली को अर्पित की.दो किमी लंबी ध्वजायात्रा ने करीब साढ़े पांच किलोमीटर की दूरी तय करने में तीन घंटे से अधिक समय में तय की.प्रो नागेंद्र पाण्डेय, प्रो विनय पाण्डेय और डॉ सुभाष पाण्डेय ने ध्वजा यात्रा को भगवा ध्वजा दिखाकर भिखारीपुर तिराहे से रवाना किया.समिति संस्थापक अध्यक्ष रामबली मौर्य, वरिष्ठ सदस्य डा। संतोष ओझा एवं अजय मौर्य के नेतृत्व में निकाली गई शोभायात्रा में गुजरात, महाराष्ट्र, झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़ आदि प्रांतों के श्रद्धालु भी शामिल हुए।
70 फीट लंबे रथ पर राम दरबार
70 फीट लंबे रथ पर राम दरबार की झांकी सजाई गई.अखंड ज्योत संग संकटमोचन दरबार की मुख्य कीर्तन मंडली रामधुन गाती चल रही थी.ध्वजा यात्रियों पर सवा पांच मन फूलों की पंखुडिय़ों से की वर्षा होती रही.वहीं, कनकसराय, मिर्जापुर, रामसिंहपुर, अदलपुरा, कोनियां, डाफी, नुआंव, कंचनपुर, करौंदी, सुन्दरपुर, खोजवां, जानकी नगर, ककरमत्ता, शिवरतनपुर, जलालीपट्टी, दशमी से 79 झांकियां लेकर भक्तगण पहुंचे.ध्वजा यात्रा आरंभ होने से पूर्व हनुमत सेवा समिति के सदस्यों, पदाधिकारियों और गणमान्य अतिथियों ने मुख्य रथ पर विराजमान राम दरबार का पूजन किया.अतिथि रूप में एमएलसी हंसराज विश्वकर्मा, जिला पंचायत अध्यक्ष पूनम मौर्या, दिलीप सिंह पटेल आदि शामिल हुए.
सुंदर सजे अक्षयवट हनुमान
विश्वनाथ धाम में विराजमान अक्षयवट हनुमान के विग्रह को पंचामृत स्नान कराया गया.सिंदूर लेपन किया गया.नूतन वस्त्र धारण कराने के बाद गेंदा, गुलाब, रजनीगंधा और तुलसी की मालाओं से भव्य सजाया गया.लड्डू, फल, पंचमेवा का भोग लगाया गया.महंत नील कुमार मिश्रा ने महाआरती की.महंत बच्चा पाठक और रमेश गिरी ने प्रसाद का वितरित किया.
अन्य हनुमान मंदिरों में दर्शन-पूजन
शहर के अन्य हनुमान मंदिरों में भी दर्शन-पूजन सुबह से रात तक होता रहा। तेलियाना स्थित श्रीरामजानकी मंदिर, नगवा स्थित बड़े हनुमान मंदिर, दुर्गाकुंड स्थित बनकटी हनुमान मंदिर, विश्वनाथ गली स्थित साक्षी विनायक मंदिर, जगतगंज स्थित संकटहरण हनुमान मंदिर, लक्सा स्थित विघ्नहरण हनुमान मंदिर, परेड कोठी स्थित हनुमान मंदिर, कमच्छा स्थित शांतिकरण हनुमान मंदिर, चौकी घाट स्थित बाल हनुमान मंदिर, कबीररोड स्थित श्री संकट हरण हनुमान मंदिर एवं शिवाला स्थित दुख हरण हनुमान मंदिर में भी विविध अनुष्ठान किए गए.