वाराणसी (ब्यूरो)। सिख और पंजाबी समुदाय के लोगों का फेस्टिवल लोहड़ी बड़े धूमधाम के साथ शनिवार को मनाई गई, वहीं रविवार को भी बड़ी संख्या में लोग इसे मनाएंगे। शनिवार को इसकी रौनक काशी के सिख परिवारों और बाजारों में दिखी। सभी लोहड़ी की खरीदारी में देर रात तक बाजारों में घूमते रहेे। पूजा में इस्तेमाल होने वाली सामग्री जैसे तिल, मूंगफली, गजक, रेवड़ी, चिवड़ा खरीदने के लिए दुकानों पर भीड़ लगी रही। वहीं इस साल जिन कपल की पहली लोहड़ी है, वह बड़े खास तरीके से इस पर्व को सेलिब्रेट कर रहे हैैं। कुछ परिवार ऐसे भी हैं, जो कनाडा से लोहड़ी के फेस्टिवल को सेलिब्रेट करने के लिए बनारस में अपने घर आए हैं.
कपल की पहली लोहड़ी
बनारस के अखिल अपने काम के चलते कनाडा में रहते हैं। उन्होंने बताया कि वह खास बनारस अपनी फैमिली के साथ लोहड़ी सेलिब्रेट करने आए हंै। इस बार अखिल की पत्नी दृष्टि के साथ पहली लोहड़ी है। इस बार वह लोहड़ी को खास अंदाज में अपने परिवार के साथ बनारस के एक होटल में सेलिब्रेट करेंगे। इसमें वह अपने 50 रिलेटिव के साथ मिल-जुलकर ढोल-नगाड़ों पर भांगड़ा और गिद्दा वगैरह करेंगे। साथ ही एक-दूसरे को लोहड़ी की बधाइयां देंगे। शादी की पहली लोहड़ी वह बहुत स्पेशल तरीके से आज मनाएंगे.
मिलकर करेंगे प्रार्थना
एकज्योत और उनके पति गुणिका की इस बार पहली लोहड़ी है, जिसे वह धूमधाम से अपने परिवार के साथ मनाएंगे। उन्होंने इस दिन का महत्व बताते हुए कहा कि यह पर्व हमारे लिए बहुत खास होता है। इस बार यह और भी ज्यादा खास है क्योंकि यह हमारी शादी के बाह पहली लोहड़ी है। आज के दिन हम अग्नि परिक्रमा करेंगे। गुड़, मंूगफली, रेवड़ी, गजक, पॉपकॉर्न आदि अग्नि में अर्पित करेंगे। वहीं पूजा के बाद परिवार के लोगों को लोहड़ी की बधाई देकर सभी मिलकर डांस करेंगे। वहीं शादी की पहली लोहड़ी में साथ मिलकर प्रार्थना करेंगे कि हमारा रिश्ता और भी ज्यादा मजबूत हो.
काशी में भी पोंगल की धूम
पोंगल फेस्टिवल को लेकर साउथ इंडिया में ही तैयारी नहीं चल रही, बल्कि काशी में भी परंपराओं का निर्वहन किया जाएगा। इनमें सिटी के डीएम और गवर्नमेंट अफसर शामिल हैं जो काशी में पोंगल पर्व को उत्साह के साथ मनाएंगे.
पोंगल दक्षिण भारत का प्रमुख त्योहार है। इस पर्व को काफी उत्साह के साथ मनाया जाता है। सभी को इस पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं.
एस राजलिंगम, जिलाधिकारी
गुड़ की खीर बनाते हैैं। यहां पर तो धान की बालियां नहीं मिलेगी लेकिन दक्षिण भारत में घरों के बाहर धान की बालियों से सजाया जाता है.
शिवासिम्पी चेनप्पा, आईपीएस, एसीपी
परिवार संग भगवान भास्कर का पूजन करते हैैं। यह परंपरा यहां पर कम है लेकिन साउथ में धूमधाम से मनाया जाता है.
सरवनन टी, अपर पुलिस आयुक्त, साइबर व अपराध