वाराणसी (ब्यूरो)जीवनरक्षक दवाओं के नाम पर मौत के सौदागर इतना घिनौना काम कर सकते हैं कि इसका अंदाजा भी लगा पाना मुश्किल हैकोरोना काल में अंतिम सांस में जान फूंकने के लिए जो इंजेक्शन लगाया जाता रहा है, उनमें से पांच इंजेक्शन की रिपोर्ट फेल आई हैसभी एंटीबायोटिक इंजेक्शन को बद्धी की पांच कंपनियां तैयार कर शहर में धड़ल्ले से सप्लाई कर रही थींछह महीना पहले ड्रग विभाग ने इन कंपनियों का करीब 50 लाख का इंजेक्शन पकड़ा थाजांच के लिए सभी का सैंपल भेजा थाजब रिपोर्ट आई तो खुद ड्रग विभाग भी हैरान है कि लोगों की जान के साथ किस तरह से कंपनियां खिलवाड़ कर रही हैं.

क्योरहेल्थ कंपनी ने तैयार की है इंजेक्शन

ड्रग विभाग के अफसरों की मानें तो बद्धी की कंपनियां लगातार कानून की आंख में धूल झोंककर आम लोगों की जान के साथ खिलवाड़ कर रही हैंकोरोना काल के समय मेसर्स क्योरहेल्थ फार्मास्यूटिकल्स प्राइवेट लिमिटेड के इंजेक्शन की सप्लाई शहर समेत कई राज्यों में की गई थीकोरोना काल के दौरान ड्रग विभाग की टीम ने इस कंपनी के करीब 50 लाख के इंजेक्शन को पकडऩे के बाद जांच के लिए सैंपल भेजा थासैंपल रिपोर्ट आई तो करीब 5 इंजेक्शन के नमूने फेल आए.

धड़ल्ले से काला कारोबार

ड्रग विभाग के सैंपल रिपोर्ट में क्लेवलेनिक एसिड की मात्रा केवल 74 परसेंट एवं एमोक्सिसिलिन की मात्रा 85 परसेंट पाई गई हैक्योरहेल्थ कंपनी की दवा में सक्रिय औषधि मानक से आधी से भी कम साल्ट मिलाकर धड़ल्ले से काला कारोबार को अंजाम दिया जा रहा थाआम लोगों के स्वास्थ्य के साथ खुलेआम खिलवाड़ किया जा रहा था.

तीन महीने में 5 दवाओं के सैंपल फेल

ड्रग विभाग के अफसरों की मानें तो इस फर्म के 5 जीवन रक्षक औषधियों के नमूने विगत 3 माह में फेल पाए गए हंै, जिसमें औषधि की मात्रा 50 प्रतिशत से कम डाली गई थीघटिया दवा बनाकर कपंनी सिर्फ धनउगाही में व्यस्त रहीड्रग विभाग के अफसरों की मानें तो पूरे देश में कंपनी ने करीब अरबों रुपए का नशीली और नकली दवाओं की सप्लाई कर कमाई की.

फेल हुए नमूने

-जाइवीक्लेव-डीएस सस्पेंशन

-टाइजो-4, 5 जीएम

-क्यूरेनम-1 ग्राम

-सेफीएक्जाइम एंड ओफ्लोएक्सीन टेबलेट्स जोमीरो-1 ग्राम

-एमोक्सिसिलिन, पोटेशियम क्लेवलेनेट एंड लैक्टिक एसिड बैक्लीयस टेबलेट

ड्रग विभाग ने कंपनी के राज्य औषधि नियंत्रक को भेजा पत्र

ड्रग विभाग इंस्पेक्टर अमित कुमार बंसल ने क्योरहेल्थ कंपनी के राज्य औषधि नियत्रंक को भी पत्र भेजा हैइसके बाद बाद भी उक्त कंपनी मेसर्स क्योरहेल्थ फार्मास्यूटिकल्स प्राईवेट लिमिटेड विलेज रायपुर पोस्ट देववी तलसील व डिस्ट्रिक सोलन 173211 (एचपी) द्वारा धड़ल्ले से अधोमानक, स्पूरियस स्तर की दवाओं का निर्माण विगत कई वर्षों से निरंतर बिना किसी भय के किया जा रहा है.

बद्धी की कंपनियों की दवाएं काफी तेजी से सैंपल में फेल हो रही हैंकोरोना काल के दौरान एंटीबायोटिक इंजेक्शन लगाने से लोगों के जान में जान आती थी, वहीं इजेक्शन की रिपोर्ट फेल आई हैबद्धी की क्योरहेल्थ कंपनी ने मोटी कमाई के चक्कर में अधोमानक इंजेक्शन तैयार कर कमाई कर रहे हैं.

अमित कुमार बंसल, डीआई

ऐसी कंपनियों के खिलाफ विभाग सख्त से सख्त कार्रवाई करेएसोसिएशन हमेशा विभाग के साथ हैनर्सिंग होम, अस्पताल भी सोच-समझकर की कंपनियों से दवा लें क्योंकि इन कंपनियों के चलते पूरा सेक्टर बदनाम होता है.

सुधीर अग्रवाल, महामंत्री, आर्गनाइजेशन आफ केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट उत्तर प्रदेश

इन कंपनियों के खिलाफ सख्त एक्ट बनना चाहिए, क्योंकि इन कंपनियों ने पूरे दवा सेक्टर को बदनाम कर दिया हैएंटीबायोटिक इंजेक्शन को भी इन कंपनियों ने नहीं छोड़ा.

संजय सिंह, मंडल अध्यक्ष, आर्गनाइजेशन ऑफ केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट उत्तर प्रदेश