वाराणसी (ब्यूरो)। कोराना संक्रमण के दौरान शिवपुर स्थित सेंट्रल जेल से पैरोल पर छोड़े गए पांच जिले के सात बंदी लापता हो गए हैं। ये बंदी वाराणसी के अलावा भदोही, मिर्जापुर, देवरिया और बस्ती के हैं। ये सभी करीब दो साल से लापता हैं और पुलिस इनका सुराग नहीं लगा सकी है। जेल प्रशासन ने लापता बंदियों को ट्रेस कर उन्हें जेल में दाखिल करने के लिए संबंधित जिलों के डीएम, एसपी और संबंधित थानों से पत्राचार किया है.
क्षमता से अधिक बंदी
प्रदेश के अधिकांश जेलों में निर्धारित क्षमता से अधिक बंदी कैद हैं। 747 बंदियों की क्षमता वाले खजूरी स्थित जिला कारागार में लगभग तीन गुना बंदी निरुद्ध हैं। इसी तरह शिवपुर स्थित सेंट्रल जेल में क्षमता से अधिक बंदी हैं। कोविड-19 संक्रमण को देखते हुए शासन की ओर से जेल का भार कम करने के लिए सात साल से कम सजा वाले बंदियों को 8 सप्ताह के पैरोल पर रिहा करने का आदेश दिया गया था। आदेश के क्रम में वर्ष 2020 से 2022 तक सेंट्रल जेल से करीब 90 और जिला जेल से 350 बंदी पैरोल पर रिहा किए गए थे। इनमें महिला बंदी भी शामिल थीं। कोरोना का प्रकोप बढ़ा तो पैरोल की अवधि भी बढ़ा दी गई। कई बार पैरोल की अवधि बढऩे के बाद अंत में बंदियों के जेल में आने की तारीख निर्धारित कर दी गई। इनमें से कुछ बंदियों को नवंबर 2020, कुछ को नवंबर 2021 तथा कुछ को फरवरी 2022 तक जेल पहुंचना था, लेकिन वाराणसी, भदोही, मिर्जापुर, देवरिया व बस्ती के 7 बंदी पैरोल पर जाने के बाद लापता हो गए.
पैरोल अवधि में भी अपराध
जेल अधिकारियों के मुताबिक वर्ष 2020 से 2022 तक पैरोल पर छोड़े गए चार सौ से अधिक बंदियों में से कुछ ने अपराध से नाता नहीं तोड़ा। वे पैरोल अवधि में ही दोबारा अपराध कर जेल पहुंच गए। इस अवधि में एक महिला समेत सात ऐसे बंदी शामिल हैं। इन्होंने पैरेल पर रिहा होते ही मारपीट, जानलेवा हमला, बलवा तथा अन्य आपराधिक घटनाएं कर डालीं। इसके चलते जेल प्रशासन को इन्हें मजबूरन कैद रखना पड़ा.
तीन कैदियों की हुई मौत
सेंट्रल जेल से कोरोना संक्रमण काल में करीब 90 बंदियों को पैरोल पर छोड़ा गया था। इसमें से तीन बंदियों की मौत हो गई थी, जो कैंसर समेत अन्य गंभीर बीमारी से पीडि़त थे।
ये बंदी हो गए गायब
1. किशोरीलाल, बस्ती
2. दीनानाथ, देवरिया
3. योगेेंद्र, देवरिया
4. भगवान, देवरिया
5. शारदा प्रसाद, भदोही
6. राजकुमार, वाराणसी
7. लालो, मिर्जापुर
लापता सात बंदियों से संबंधित थानों की पुलिस को उनके संबंध में विवरण देकर कार्रवाई के लिए कहा गया है। पुलिस उनकी तलाश कर रही है। बंदियों के मिलते ही उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उन्हें फिर जेल में दाखिल किया जाएगा.
सुबेदार यादव, प्रभारी जेलर, सेंट्रल जेल, वाराणसी