वाराणसी (ब्यूरो)। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने वाराणसी स्थित ज्ञानवापी परिसर में सर्वे के दौरान दिखे कथित शिवङ्क्षलग की कार्बन डेङ्क्षटग के जरिए साइंटिफिक सर्वे की मांग में दाखिल याचिका पर भारतीय पुरातत्व विभाग (एएसआई) को जवाब दाखिल करने का अंतिम अवसर दिया है। याचिका पर अगली सुनवाई की तारीख पांच अप्रैल तय की गई है.
जवाब नहीं हुआ दाखिल
याची अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने बताया कि एएसआई से कोर्ट ने पूछा था कि क्या शिवङ्क्षलग को नुकसान पहुंचाए बगैर कार्बन डेङ्क्षटग जांच की जा सकती है। इस जांच से शिवङ्क्षलग की आयु का पता चलेगा। कोर्ट ने जवाब मांगा था, लेकिन वो दाखिल नहीं हो सका। कोर्ट ने कई बार समय दिए जाने के बावजूद जवाब न दाखिल करने पर नाराजगी जताई। कोर्ट ने एएसआई से आज फिर पूछा कि क्या बिना नुकसान पहुंचाए कार्बन डेङ्क्षटग जांच की जा सकती है।
आदेश का अधिकार नहीं
कमीशन कार्यवाही के दौरान 16 मई, 2022 को मिले कथित शिवङ्क्षलग का साइंटिफिक सर्वे एएसआई से कराए जाने की मांग को लेकर दाखिल वाद जिला अदालत वाराणसी ने यह कहते हुए खारिज कर दिया कि सुप्रीम कोर्ट ने यथास्थिति कायम रखने का आदेश दिया है। मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट कर रही है। ऐसे में सिविल कोर्ट को आदेश पारित करने का अधिकार नहीं है। जिला जज वाराणसी के 14 अक्टूबर, 2022 को कार्बन डेङ्क्षटग की मांग वाली अर्जी खारिज करने को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई है। याचिकाकर्ता लक्ष्मी देवी, सीता साहू, मंजू व्यास और रेखा पाठक की ओर से सिविल रिवीजन दाखिल की गई है।
ज्ञानवापी के सात मामलों की एक कोर्ट में सुनवाई पर फैसला कल
ज्ञानवापी से जुड़े सात मुकदमों को जिला जज की अदालत में स्थानांतरित करने संबंधित प्रार्थना पत्र पर सोमवार को फैसला नहीं सुनाया जा सका। जिला जज डा.अजय कृष्ण विश्वेश ने अगली तारीख 22 मार्च दी है। शृंगार गौरी के नियमित दर्शन-पूजन समेत अन्य मांगों को लेकर मुकदमा दायर करने वाली पांच महिलाओं में से चार लक्ष्मी देवी, सीता साहू, मंजू देवी व रेखा पाठक के प्रार्थना पत्र का राखी ङ्क्षसह तथा स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद की ओर से आपत्ति की गई है। जिला जज की अदालत में ही ज्ञानवापी प्रकरण में पक्षकार बनाए जाने के लिए दिवंगत पं। सोमनाथ व्यास के नाती शैलेंद्र कुमार पाठक व जैलेंद्र कुमार पाठक की ओर से दायर प्रार्थना पत्र पर आदेश के लिए जिला जज की अदालत ने 25 मार्च की तारीख दी है। गाली-गलौज और धमकी देने के मामले में वैदिक सनातन संघ प्रमुख जितेंद्र ङ्क्षसह विसेन समेत दो के खिलाफ लंबित परिवाद में चारों वादी महिलाओं रेखा पाठक, मंजू व्यास, लक्ष्मी देवी व सीता साहू का सोमवार को बयान दर्ज नहीं हो सका। न्यायिक कार्य में व्यस्तता के कारण न्यायिक मजिस्ट्रेट (तृतीय) धर्मेंद्र कुमार यादव ने अगली तारीख 10 अप्रैल तय की है.