-काशी विद्यापीठ में माइग्रेशन व सर्टिफिकेट का आवेदन नहीं हो सका ऑनलाइन

- काउंटर्स पर अब भी लग रही लाइन, नई सुविधा हो चुका है इनॉगरेशन

VARANASI

स्टूडेंट्स को भागदौड़ से बचाने के लिए काशी विद्यापीठ में अस्थायी सर्टिफिकेट व माइग्रेशन देने का बड़े धूमधाम से इनॉगरेशन हुआ। लेकिन हालत यह है कि पूरा सिस्टम फाइल से बाहर नहीं निकल पाया है। इसकी वजह से यूनिवर्सिटी के काउंटर पर अब भी अस्थायी सर्टिफिकेट व माइग्रेशन लेने के लिए स्टूडेंट्स की लाइन लग रही है। जबकि दो महीने पहले ही वीसी अस्थायी सर्टिफिकेट व माइग्रेशन की ऑनलाइन सुविधा का इनॉगरेशन कैंपस में कर चुके हैं। यह कार्य एक प्राइवेट एजेंसी को सौंप भी दिया गया था। इसके बाद भी ऑनलाइन प्रासेस कैंपस के कंप्यूटर में ही घूम रहा है। यह सुविधा स्टूडेंट्स तक नहीं पहुंच पायी है।

फॉर्म से छात्रसंघ चुनाव तक

काशी विद्यापीठ आज ई-गवर्नेस की ओर तेजी से कदम बढ़ा रहा है। यूनिवर्सिटी में फॉर्म भरने से लेकर छात्रसंघ चुनाव तक ऑनलाइन हो रहे हैं। स्टूडेंट्स को ऑनलाइन फीस भी जमा करने की सुविधा है। इसके अलावा संबद्धता, आरटीआई सहित विभिन्न आवेदन भी अब ऑनलाइन हैं। इतना ही नहीं छात्रसंघ चुनाव के लिए नॉमिनेशन भी ऑनलाइन कराया जा रहा है। इस क्रम में अस्थायी सर्टिफिकेट व माइग्रेशन फैसिलिटी भी दो फेज में ऑनलाइन उपलब्ध कराने का प्लान बनाया गया।

दो फेज में प्लान

यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन ने दो फेज में ऑनलाइन अस्थायी सर्टिफिकेट व माइग्रेशन देने के प्रोजेक्ट का इनॉगरेशन किया। फ‌र्स्ट फेज में अस्थायी सर्टिफिकेट व माइग्रेशन का आवेदन व फीस ऑनलाइन जमा करवाने की योजना थी। सेकेंड फेज में ऑनलाइन अस्थायी प्रमाणपत्र व माइग्रेशन उपलब्ध कराने का डिसीजन लिया गया था। अफसोस की बात यह है कि वीसी के इनॉगरेशन के दो महीने बाद अब भी पहले की ही तरह ऑफलाइन व्यवस्था ही लागू है। जिसके चलते स्टूडेंट्स को चक्कर लगाना पड़ रहा है। यही नहीं ऑनलाइन व्यवस्था ध्वस्त होने के कारण संबद्धता विभाग ने स्थायी व अस्थायी मान्यता के लिए 31 दिसंबर तक कॉलेजेज से ऑफलाइन आवेदन मांगा है।

अस्थायी सर्टिफिकेट व माइग्रेशन की व्यवस्था स्टार्ट कर दी गई थी। पर तकनीकी वजहों से ऑनलाइन की सुविधा बंद हो गई। जल्द ही यह सुविधा फिर से स्टार्ट हो जाएगी।

ओम प्रकाश, रजिस्ट्रार

काशी विद्यापीठ