वाराणसी (ब्यूरो)। हेल्थ डिपार्टमेंट वाराणसी की ओर से कराए जा रहे चेकअप में किडनी पेशेंट्स को लेकर चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। जिले के अलग-अलग अस्पतालों और विभिन्न स्थानों पर लगाए गए कैंप में 12,000 पेशेेंट्स की जांच में सामने आया कि 17 से 35 साल तक के यूथ हाई बीपी और शुगर के कारण किडनी से जुड़ी डिजीज की चपेट में हैं। फास्ट फूड के सेवन और एक्सरसाइज नहीं करने के कारण किडनी का मर्ज बढ़ता जा रहा है। वल्र्ड किडनी डे पर आज आपको बताएंगे कि यूथ किस तरह किडनी प्रॉब्लम फेस कर रहा है और कैसे इस प्रॉब्लम से बचा जा सकता है।
किडनी हेल्थ फॉर ऑल
वल्र्ड किडनी डे एक वैश्विक स्वास्थ्य देखभाल कार्यक्रम है, जो 2006 से हर साल मार्च में दूसरे गुरुवार को मनाया जाता है। इस बार की थीम किडनी हेल्थ फॉर ऑल (सभी के लिए किडनी स्वास्थ्य) है। इस दिन को सेलिब्रेट करने का कारण लोगों को किडनी के प्रति अवेयर करना है। किडनी हमारे शरीर का सबसे इम्पॉर्टेंट आर्गन है, जो ब्लड से विषाक्त पदार्थों को हटाने और इन्हें फिल्टर कर यूरिन के रास्ते बाहर निकालने का काम करती है। हेल्थ एक्सपर्ट की मानें तो हूमन बॉडी में मौजूद दोनों किडनी मिलकर हर 24 घंटे में लगभग 200 लीटर लिक्विड सब्सटांस (तरह पदार्थ) फिल्टर करती हंै।
50 परसेंट यूथ को किडनी प्रॉब्लम
हेल्थ डिपार्टमेंट ने एक साल में 12,000 लोगों पर सर्वे किया, जिसमें 35 परसेंट लोगों को किडनी की समस्या थी। इस 35 परसेंट में 50 परसेंट यूथ थे। साथ ही इनकी उम्र 35 वर्ष से भी कम है। अब छोटे बच्चों में भी किडनी की समस्या देखने को मिल रही है। वहीं, इसमें 10 परसेंट ऐसे लोग भी शामिल हैं, जिनको किडनी की क्रिटिकल प्रॉब्लम है।
एक महीने में 30 डायलिसिस
मंडलीय अस्पताल में हर महीने में लगभग 30 से ज्यादा मरीज अपनी डायलिसिस कराने आते हैं। सीएमएस एसपी सिंह ने बताया, डायलिसिस के लिए उनके पास 3 बेड हैं। रोज तीन से ज्यादा लोग डायलिसिस कराने के लिए आ रहे हैं। एक महीने पहले इनकी संख्या ज्यादा थी, पर बीच में डायलिसिस की सुविधा बंद होने से मरीज कहीं और से डायलिसिस कराने लगे।
हर पांचवें यूथ को किडनी प्रॉब्लम
एमडी डॉ। स्नेहा ने बताया, पहले उम्र बढऩे के साथ यह समस्या शुरू होती थी। लेकिन आजकल कम उम्र में ही लोग इसकी चपेट में आ रहे हैं। देश का हर पांचवां यूथ किडनी की बीमारी से परेशान है। इंडियन जर्नल ऑफ नेफ्रोलॉजी में पब्लिस रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार, पिछले दो दशक में भारत में किडनी से मौत के 50 परसेंट तक मामले बढ़ गए हैं। अब 20 से 30 साल तक के युवाओं में किडनी स्टोन की समस्या देखने को मिल रही है। इसका सबसे बड़ा कारण फास्ट फूड का ज्यादा सेवन और एक्सरसाइज न के बराबर होना है।
सोडियम का कर रहे ज्यादा सेवन
इंडियन जर्नल ऑफ नेफ्रोलॉजी की पब्लिस रिसर्च में बताया गया है कि किडनी की समस्या बढऩे का सबसे प्रमुख कारण फास्ट फूड और नमक यानी सोडियम का ज्यादा सेवन है। इस वजह से हाइपरटेंशन बढ़ता है और धीरे-धीरे किडनी की सेहत को प्रभावित करने लगता है। शुरुआत में किडनी की समस्या का अंदाजा सही से नहीं लग पाता है और समस्या गंभीर बन जाती है।
फैक्ट एंड फीगर
12000 लोगों का हेल्थ चेकअप
35 परसेंट लोगों को किडनी की प्रॉब्लम
2100 यूथ में मिली किडनी डिजीज
10 परसेंट लोगों को क्रिटिकल प्रॉब्लम
ये हैं सिम्प्टम
1-अत्यधिक थकान महसूस करना
2-त्वचा में सूखापन और खुजली होना
3-ठीक से नींद न आना
4-बार-बार पेशाब लगना
5-पेशाब से खून आना
6-पेशाब से झाग आना
7-पेशाब का रंग बदल जाना
8-रात के समय पेशाब ज्यादा होना
9-आंखों के आस-पास सूजन
10-पैरों और टखनों में सूजन
11-भूख न लगना
12-मांसपेशियों में ऐंठन
13-हीमोग्लोबिन कम हो जाना
14-वजन बढऩा।
ये है ट्रीटमेंट
1-स्वस्थ आहार जैसे फल, 2-सब्जियां, दाल प्रोटीन और हाईड्रेशन की दिनभर की मात्रा को बनाए रखें।
3-ज्यादा से ज्यादा पानी पीएं.
4-रोज एक्सरसाइज करें.
5-धूम्रपान और शराब की तरह हार्मफुल चीजों से बचें.
6-दवाओं का सही तरीके से उपयोग करें.
7-डॉक्टर से मेडिकल चेकअप कराते रहें.
8- फास्ट फूड न खाएं.
9- किडनी का कोई भी लक्षण होने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।
युवाओं में किडनी की समस्या काफी तेजी से बढ़ रही है, जिसका कारण फास्ट फूड है। इसका सेवन कम करना होगा.
संदीप चौधरी, सीएमओ वाराणसी