वाराणसी (ब्यूरो)। त्रिपदा पब्लिक स्कूल ङ्क्षपडरा की खटारा बस से बच्चों को ढोने का इंटरनेट मीडिया पर वीडियो प्रसारित होने पर जिला प्रशासन और परिवहन विभाग में अफरा-तफरी मच गई। वीडियो में बस की हालत देख स्कूल प्रबंधन के साथ परिवहन विभाग भी सवालों के घेरे में आ गया। जिलाधिकारी एस राजङ्क्षलगम ने परिवहन विभाग को तत्काल कार्रवाई करते हुए रिपोर्ट देने को कहा। आरटीओ के निर्देश पर यात्रीकर अधिकारी केकी मिश्रा ने बस को एक गैराज से पकडऩे के साथ फूलपुर थाने में सीज कर दिया। प्रपत्र पूरे नहीं होने पर परिवहन अधिकारी ने 28 हजार रुपये जुर्माना किया। साथ ही चालक का ड्राइङ्क्षवग लाइसेंस निलंबित करने की संस्तुति की जाएगी.
राहगीर ने बस को रोका
त्रिपदा पब्लिक स्कूल की बस बच्चों को लेकर जा रही थी। यह देख एक राहगीर ने बस को रोक दिया। बस के शीशे टूटे व पीछे नंबर नहीं लिखे थे। सीट बेल्ट, लोहे की जाली, सीसीटीवी कैमरे, जीपीएस नहीं था। स्टेयङ्क्षरग खराब होने के साथ ही अंदर की सीट भी जगह-जगह फटी थी। बस में चढऩे वाली जगह भी टूटी है और लकड़ी का पटरा लगा दिया गया था। अधिवक्ता शशांक शेखर त्रिपाठी ने ट््िवटर के माध्यम से इसकी शिकायत परिवहन मंत्री, आरटीओ समेत अन्य अधिकारियों से की.
चुनाव ड्यूटी में लगे थे सभी बस
इस बारे में विद्यालय के प्रबंधक कन्हैया पटेल का कहना है कि विद्यालय के सभी वाहन चुनाव ड्यूटी में गए थे। इस वजह से जो बस मरम्मत के लिए विद्यालय में रखी गई थी, चालक उसी को लेकर बच्चों को लेने चला गया। यात्रीकर अधिकारी केकी मिश्रा ने बताया कि बस का पंजीयन 22 मई-2008 में है। बस का फिटनेस वर्ष 2020 फेल था, इंश्योरेंस और प्रदूषण वर्ष 2021 में खत्म हो गया है। चालक के पास कोई प्रपत्र नहीं था।