वाराणसी (ब्यूरो)। ग्लोबल एग्रीकल्चर के डवलपमेंट का रोडमैप तैयार करने के लिए सोमवार को वाराणसी में जी-20 देशों की एग्रीकल्चर वर्किंग कमेटी की मीटिंग शुरू हुई। उद्घाटन सत्र में केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग राज्य मंत्री वीके सिंह ने कहा कि काशी से दुनियाभर में एक अभियान शुरू किया जा रहा है। मां अन्नपूर्णा की नगरी से विश्व को उनके खान-पान से स्वस्थ रखने का संदेश दिया जाएगा.
मिलेट्स को मिलेगा बढ़ावा
केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने बताया कि भारत सरकार वाराणसी से पोषण, खाद्य सुरक्षा, जलवायु अनुकूल खेती को बढ़ाने का प्रस्ताव दुनिया के सामने रख रही है। मोटे अनाज को मुख्यधारा का हिस्सा बनाने के लिए मिलेट्स को जी-20 की बैठकों में शामिल किया गया है। डेलीगेट्स को न केवल मिलेट्स के स्वाद से परिचित कराया जा रहा है, बल्कि किसानों से उनकी भेंट भी कराई जा रही है। अब स्टार्ट-अप्स के साथ संवाद भी बढ़ रहा है.
एक पृथ्वी, एक परिवार और एक भविष्य का संदेश
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के महानिदेशक डॉ। हिमांशु पाठक व सचिव संजय ने बताया कि सम्मेलन में विश्व स्वास्थ्य संगठन व वैश्विक व्यापार संगठन सहित कृषि के क्षेत्र में काम करने वाली कई संस्थाओं के प्रतिनिधि भी शामिल हो रहे हैं। सम्मेलन का सब्जेक्ट वसुधैव कुटुंबकम है। इसके जरिये एक पृथ्वी, एक परिवार और एक भविष्य का संदेश दिया जाएगा.
इन मुद्दों पर मंथन
पहले दिन के पहले सत्र में खाद्य सुरक्षा और पोषण विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार की भूमिका पर कृषि विज्ञानियों ने चर्चा की। दूसरे सत्र में लचीला कृषि-खाद्य प्रणाली पर विमर्श किया। तीन दिन तक अलग-अलग सेशन में खाद्य सुरक्षा और पोषण, जलवायु अनुकूल कृषि, डिजिटल तकनीक का उपयोग और समावेशी कृषि मूल्य श्रृंखला और खाद्य प्रणाली जैसे मुद्दों को लेकर मंथन होगा.
जी-20 देशों के 80 डेलीगेट्स
वाराणसी की तीन दिन की मीटिंग में ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, चीन, फ्र ांस, जर्मनी, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्र का, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम और यूरोपीय संघ समेत जी-20 देशों के करीब 80 विदेशी डेलीगेट्स शामिल हो रहे हैं। सोमवार की शाम डेलीगेट्स को नमो घाट पर घुमाया गया। फिर क्रूज से दशाश्वमेध घाट पर गंगा आरती देखने पहुंचे.