वाराणसी (ब्यूरो)। वाराणसी के बाद काशी तमिल संगमम के युवा प्रतिनिधि मंगलवार सुबह प्रयागराज पहुंचे। जहां जनप्रतिनिधियों एवं जिला प्रशासन की तरफ से उनका भव्य स्वागत किया गया। प्रयागराज के स्कूली बच्चों द्वारा सभी मेहमानों पर पुष्पवर्षा की गई। युवा डेलिगेट्स को डीएम नवनीत सिंह चहल ने स्मृति चिन्ह एवं अंगवस्त्र देकर स्वागत किया। प्रयागराज विकास प्राधिकरण के तरफ से सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जहां सांस्कृतिक मंच पर स्कूली बच्चों ने विभिन्न प्रस्तुति दी.
पहुंचे तीर्थराज प्रयाग
तीर्थराज प्रयाग पहुंचे युवा डेलिगेट्स वहां की सांस्कृतिक इतिहास से भी परिचित हुए। संगम की रेती पर काशी-तमिल संगमम के प्रतिनिधियों के स्वागत के लिए सैंडआर्ट बनाया गया। इसके पास पहुंचकर डेलिगेट्स फोटो भी खिंचवाया। संगम क्षेत्र की अलौकिक छटा देखकर सभी मेहमान अभिभूत हो गए। यहां कुछ ने गंगा-यमुना के पवित्र संगम में डुबकी लगाई तो कुछ ने आचमन कर हर-हर गंगे के जयकारे लगाए।
मंदिरों का कराया भ्रमण
छात्रों के प्रतिनिधिमंडल को प्रयागराज शहर में और उसके आसपास के विभिन्न स्थानों एवं मंदिरों का भी भ्रमण कराया। संगम स्नान के बाद सभी सदस्यों को लेटे हनुमान जी का दर्शन किया। संगम नगरी में अपनी यात्रा के समापन के बाद, तमिलनाडु के छात्रों का प्रतिनिधिमंडल प्राचीन और पवित्र शहर अयोध्या के लिए रवाना हुआ.
17 से सांस्कृतिक उत्सव
सांस्कृतिक उत्सव 17 से 30 दिसंबर तक आयोजित किया गया है। चेन्नई से तमिल प्रतिनिधिमंडल अपने काशी प्रवास के दौरान प्रयागराज और अयोध्या का दौरा कर रहे है। पवित्र नदियों के नाम पर विभिन्न क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करने वाले सात समूह चेन्नई, कोयंबटूर और कन्याकुमारी से काशी तक यात्रा कर रहे। इस आयोजन को सफल बनाने के लिए शिक्षा, संस्कृति, पर्यटन, रेलवे और अन्य मंत्रालय इस आयोजन में भाग लिया हैं.
बाबा को जल अर्पण
काशी तमिल संगमम कार्यक्रम के तहत दूसरा दल मंगलवार को श्री काशी विश्वनाथ मंदिर पहुंचा। पुष्प वर्षा और मंत्रोच्चार के बीच उनका भव्य स्वागत किया गया। सभी श्रद्धालुओं ने बाबा को जल अर्पण किया और शंकराचार्य चौक परिसर में इक_ा हो गए। इसके बाद श्रद्धालुओं ने लोक नृत्य और गीतों के माध्यम से बाबा की स्तुति की। यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं ने मां गंगा के तट पर जाकर मां गंगा को प्रणाम कर मंगल कामना की।
मां अन्नपूर्णा से आशीर्वाद
इसके पश्चात सभी श्रद्धालु माता विशालाक्षी और मां अन्नपूर्णा से आशीर्वाद लेने के लिए उनके दरबार पहुंचे और मत्था टेक कर आशीर्वाद प्राप्त किया। सभी श्रद्धालुओं ने अन्नपूर्णा भवन में जाकर दक्षिण भारतीय व्यंजनों का प्रसाद ग्रहण किया। हर-हर महादेव और ओम नम: शिवाय के जयकारों से बाबा को प्रणाम करते हुए सभी लोग अपने गंतव्य को रवाना हो गए.