सतीश्वर महादेव की पूजा से मिलता है मनचाहा वर या वधु
वाह रे काशी! गजब है तोरी महिमा। अब तक तो सुना था कि शादी विवाह ऊपर से तय की हुई चीज है, लेकिन काशी आकर सब उलटा हो जाता है। अब चाहे वर या वधू खूबसूरत हो या बदसूरत। जो जैसा भी है, सब पहले से तयशुदा है ईश्वर का इंतजाम। कहा तो यही जाता है लेकिन काशी में इन सबका कोई मतलब नहीं है। यहां बाबा विश्वनाथ का निजाम चलता है। यहां सारी चीजें वो तय करते हैं और सब काशी वासियों के मन मुताबिक करते हैं। आपको पता है, यहां एक सतीश्वर महादेव हैं। आप बेशक सांवले हों या सांवली। भले बदसूरत हों, कोई फर्क नहीं पड़ता। अगर आपने बाबा सतीश्वर महादेव का दर्शन पूजन किया, उन्हें जल चढ़ाया तो आपका विवाह बहुत खूबसूरत वर या वधू से होगा। ये कोई किवदंती या जातक कथा नहीं है। शिव पुराण में इसकी स्पष्ट जानकारी मौजूद है।
कइ पुराणों ने गायी है सतीश्वर महादेव की महिमा
सतीश्वर महादेव का मंदिर विशेश्वरगंज से मृत्युंजय महादेव के मंदिर की ओर जाने वाली रोड पर हरतीरथ के पास मकान नम्बर के। 46/32 में स्थित है। यह मकान वैसे तो हरिश्चन्द्र इंटर कॉलेज में हिन्दी के अध्यापक गौरीशंकर पाठक का है लेकिन इसमें स्थित बाबा सतीश्वर महादेव का मंदिर सैकड़ों साल प्राचीन है। बाबा सतीश्वर महादेव की रहस्य कथा भी अद्भुत है। भले ही पूरी काशी में यह एक दंत कथा की तरह प्रचलित है, लेकिन शिव पुराण सहित कई पुराणों में सतीश्वर महादेव की महिमा बताई गई है। कहते हैं कि महाराज दक्ष प्रजापति की साठ बेटियां थीं। उन सबका विवाह उनके आयु क्रम से हुआ लेकिन इन्हीं में से एक बेटी सती ने भगवान शिव से विवाह का संकल्प ले रखा था। इसके लिए सती ने करीब दस हजार वर्ष तक काशी में इसी क्षेत्र में घनघोर तपस्या की। इससे प्रसन्न भगवान शिव ने उन्हें लिंग रूप में यहां दर्शन दिया और कहा कि आज से ठीक दस दिन बाद मैं तुमसे विवाह करूंगा। सती की साधना से अभिभूत भगवान शिव ने यह भी कहा कि आज से मेरे इस लिंग रूपी विग्रह की जो युवती या युवक पूजा करेगा उसे सुंदर वर या वधू मिलेगी। तभी से उन्हें यहां सतीश्वर महादेव कहा गया।
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दुनिया का अकेला शिव मंदिर, जहां बाबा को चढ़ता है स्त्रियों के श्रंगार का सामान
सतीश्वर महादेव मंदिर का एक सबसे दिलचस्प पहलू ये भी है कि यह दुनिया का अकेला ऐसा शिव मंदिर है जहां बाबा को स्त्रियों के शृंगार का सारा सामान मतलब साड़ी, सिंदूर, बिन्दी, लिपिस्टिक, आलता और अन्य सामान चढ़ाया जाता है। हालांकि मंदिर के गर्भगृह में माता सती का विग्रह भी है पर बाबा सतीश्वर महादेव का स्त्री रूपी शृंगार भी किया जाता है। यानि कि जो युवतियां अपने अच्छे विवाह को लेकर परेशान हैं, तो वो खुद यहां आकर महादेव को जल, बेलपत्र के साथ श्रंगार का सामान अर्पण करें तो जल्दी ही उनकी मनोकामना पूरी होगी। ऐसा यहां सभी लोग मानते हैं।
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