काशी के मीरघाट पर विराजते हैं संहार भैरव
अजब है काशी। यहां की हर बात निराली है। दुनिया का अकेला ऐसा शहर जहां अष्ट भैरव, अष्ट विनायक, नौ गौरी और नौ दुर्गा के अलग अलग मंदिर हैं। इन मंदिरों में देवी और देवता के विग्रह का स्वरूप भी बिल्कुल अलग। यहां तक तो बात समझ में आती है लेकिन अगर इन देवी देवताओं के अलग अलग निमित्त से दर्शन पूजन का विधान तय हो तो बात अलौकिक सी हो जाती है। इसी अलौकिकता से रूबरू कराते हैं मीरघाट के संहार भैरव। त्रिपुरा भैरवी से चितरंजन पार्क की तरफ जाने वाली गली में एक बड़ा सा फाटक पड़ता है। इस फाटक में एक छोटे से ताखे पर विराजमान हैं संहार भैरव।
यह भी पढ़ें- चाहिए कामकाजी और खूबसूरत पत्नी, तो सतीश्वर महादेव के दरबार में लगाओ अर्जी
मंदिर और मूर्ति से लाख गुना बड़ी है इनकी महिमा
विग्रह का आकार और ताखे में बना छोटा सा मंदिर किसी के भी मन में संशय पैदा कर सकता है, कि इस मंदिर का भला क्या महिमा होगी लेकिन काशी खंड और शिव पुराण में संहार भैरव का उल्लेख बताता है कि बाबा भोलेनाथ ने मनुष्य को आफत बलाओं से बचाने के लिए यह स्वरूप धारण किया था। दूसरे भैरवों की तरह संहार भैरव की स्थापना यहां कब और किसने की इसका कोई स्पष्ट उल्लेख नहीं मिलता लेकिन पुराने दस्तावेज बताते हैं कि संहार भैरव के मंदिर का वजूद अनादिकाल से है।
यह भी पढ़ें- संतान की चाहत मे हैं परेशान, तो संतानेश्वर महादेव देंगे ये वरदान!
रविवार और मंगलवार को दर्शन से मिलता है विशेष फल
काशी के दूसरे भैरव देवस्थानों की तरह संहार भैरव में मदिरा में भोग लगाने से लेकर नीबू काटने तक की तंत्र पूजा का कोई विधान नहीं है लेकिन गजब का तिलस्म है इनके दर्शन मात्र में। कहते हैं कि मनुष्य पर जब कभी बड़ी आफत विपदा आती है, या दुश्मनों ने कुछ क्रिया करवा रखी हो, आपके खिलाफ कोई तंत्र मंत्र कर रहा हो या फिर आपको रात में बुरे बुरे सपने आते हों तो इन सबका एकमात्र इलाज संहार भैरव का दर्शन है। वैसे तो भैरव के दर्शन का विधान मुख्य रूप से रविवार और मंगलवार को है लेकिन संहार भैरव के यहां कभी भी किसी भी दिन हाजिरी लगायी जा सकती है। संहार भैरव के लिए यह जरूरी नहीं है कि परेशानहाल शख्स खुद आकर हाजिरी लगाए। उसके किसी परिजन के हाजिरी लगाने से भी पीड़ित शख्स को उसका फल प्राप्त होता है। संहार भैरव के दर्शन से तमाम समस्याओं से निजात पाने वाले लोगों का कहना है कि बाबा अपने नाम के अनुरूप हर मुसीबत का संहार कर देते हैं।
यह भी पढ़ें- कर्ज के जंजाल से चाहिए मुक्ित तो करो ऋणहरेश्वर महादेव की भक्ति
National News inextlive from India News Desk
National News inextlive from India News Desk