वाराणसी (ब्यूरो)। गौरा संग बाबा विश्वनाथ के विवाहोत्सव की बेला नजदीक आ गयी है। महाशिवरात्रि पर रंग-गुलाल संग आदि विशेश्वर की निकलने वाली बारात में बाराती बनने को आतुर हैं काशीवासी। तिलकोत्सव के बाद ही विवाहोत्सव की तैयारियां फागुन में परवान चढऩे लगी हैं। बाबा खादी वस्त्र संग रेशमी पगड़ी पहनकर बनेेंगे दुल्हा। टेढ़ीनीम महंत आवास से रजत पालकी पर विराजमान बाबा विश्वनाथ की आगवानी को उमडेंगे काशीवासी।
टेढ़ीनीम पर हल्दी रस्म कल
बाबा के विवाहोत्सव तैयारियों में काशीवासी डूब चुके हैं। टेढ़ीनीम स्थित महंत आवास पर विवाहोत्सव की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। 16 को बाबा की तेल हल्दी की रस्में परंपरानुसार निभायी जाएंगी। महाशिवरात्रि के दिन 18 फरवरी को भगवान शिव अपने गणों के साथ ससुराल जाएंगे। महिलाएं लोकगीत गाएंगी। इसके बाद रंगभरी एकादशी तक बाबा का उत्सव मनाया जाता है।
निखारी जा रही पालकी
टेढ़ी नीम स्थित महंत आवास पर बाबा की रजत पालकी को निखारने का काम शुरू हो गया हैं। रजत पालकी पर विराजमान होकर बाबा गौना के लिए निकलेंगे। काशीपुराधिपति के लिए रेशम की पगड़ी और खादी का कुर्ता तैयार किया जा रहा हैं। दो कारीगर मिलकर बाबा का वस्त्र तैयार करने में जुट गए हैं।
ठंडई का लगेगा भोग
महंत पं। कुलपति तिवारी ने बताया कि महाशिवरात्रि के दो दिन पहले से बाबा के विवाहोत्सव की तैयारियां शुरू हो जाती हैं। गौना रंगभरी एकादशी पर निकाली जाएगी। गौना से पहले बाबा को बादाम, काजू और मलाई से तैयार ठंडई का भोग लगाया जाता हैं। इसके मघई पान की बीड़ा जमाकर बाबा गौना के लिए निकलते हैं। गौना में पूरी काशी उमड़ पड़ती हैं।
गौना बारात में डमरुदल
गौना बारात में डमरूदल और शंखनाद करने वाले 108 सदस्य शामिल होंगे। नादस्वरम् और बंगाल का ढाक भी गूंजेगा। मथुरा के खास गुलाब के फूलों के गुलाल से बाबा के भक्तों संग होली खेलने के साथ काशी में होली पर्व तक चलने वाले रंगोत्सव की शुरुआत होगी। मंदिर के महंत डॉ। कुलपति तिवारी का टेढ़ीनीम स्थित आवास मां गौरा का मायका बना है.