वाराणसी (ब्यूरो)। बनारस में शुक्रवार की सुबह हुई और लोग बाहर निकले तो चौंक गए। कहां गायब हो गया है अपना शहर। हाल ये था कि 10 मीटर के बाद कुछ नजर ही नहीं आ रहा था। ऐसे में लोगों के मुंह से अनायास ही निकल पड़ा। ओ मॉय गॉड आगे तो कुछ दिख ही नहीं रहा है। फॉग के डेंस और गलन के चलते काम, दुकान, यात्रा व रोजगार पर जाने वाले लोगों समेत सभी को ठंड में ठिठुरते देखा गया। सुबह तापमान भी आठ से 10 डिग्री सेल्सियस के बीच रहा। कड़ाके की ठंड से लोग अलाव, हीटर, कंबल, चादर आदि के साथ घर में पड़े रहे। दोपहर में साढ़े 12 बजे के आसपास सूरज ने दस्तक दिया, लेकिन, गलन की वजह से धूप बेअसर रही। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि पहाड़ों से उतरती बर्फीली हवा ने शहर को अपनी आगोश में ले लिया है। कोहरे और गलन का असर अभी और बढऩे वाला है.
बूंदाबांदी के हैं आसार
यूं तो दिन देर से शुरु हुआ। लेकिन, वातावरण में कोहरे और फॉग की वजह से दोपहर ढाई-तीन बजे ही बादलों ने सूरज को ढ़क लिया। इसके बाद तापमान फिर नीचे जाने लगा और सर्दी से बचने के लिए लोग जल्दी ही घरों में दुबक गए। हवाओं की रफ्तार में इन दिनों कमी जरूर है, लेकिन, गलन ने माहौल को सर्द बना रखा है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार जनवरी के पहले और दूसरे दिन बारिश और बूंदाबांदी के आसार हैं.
गिरा पारा, सड़कों पर सन्नाटा
जम्मू, कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में हैवी स्नोफॉल के बाद अब बर्फ पिघलनी शुरू हो गई है। पहाड़ों से उतरती पछुआ हवा बर्फ से ठंडक लेकर मैदानों का रूख कर रही है। गुरुवार को शहर के दैनिक तापमान में कुल 06 से 6.5 डिग्री सेल्सियस का अंतर रहा। शहर में शुक्रवार को हवा का जोर रहा। वहीं, गलन शहर को जकड़े रही। सुबह और देर शाम सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा।
अलाव का ही सहारा
कड़ाके की ठंड से पब्लिक को बचाने के लिए नगर निगम व अन्य विभागों की ओर से पब्लिक प्लेसेज पर जलाए जा रहे अलाव तापने के लिए लोगबाग इक_ा हो रहे हैैं। शाम होते ही गलन से परेशान नागरिक अलाव से राहत पाने में जुट जा रहे हैं.
आज का मौसम मूड
शहर में शनिवार को मिनिमम टेम्प्रेचर 6.5 डिग्री और मैक्समम 21 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान है। पछुआ हवा की रफ्तार डाउन यानि महज दो किमी प्रति घंटा होने से गलन शबाब पर है। आर्द्रता 63 फीसदी रही। आज घने कोहरे का अलर्ट है.
कोहरे की दस्तक हो चुकी है। पछुआ के चलने से कोहरा छंट तो जाएगा। लेकिन, कोहरे से प्रॉपर सॉल्यूशन बारिश के बाद ही मिलेगा। दिन ब दिन पारा लुढ़कता ही जाएगा।
प्रो। एसएन पांडेय, मौसम वैज्ञानिक