वाराणसी (ब्यूरो)। जौनपुर बच्चेदानी के आपरेशन के 11 दिन बाद महिला की मौत से नाराज स्वजन ने शुक्रवार को बरसठी बाजार स्थित निजी अस्पताल के सामने शव रखकर जमालापुर-बंधवा मार्ग जाम कर दिया। घरवालों का आरोप है कि चिकित्सक की लापरवाही की वजह से मौत हुई। जानकारी होने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने स्वजन को समझा कर किसी तरह आवागमन बहाल कराया। घटना के बाद देर से जागे स्वास्थ्य विभाग की ओर से अस्पताल को सील कर दिया गया है। इसके साथ ही घटना की जांच की जा रही है।
भगवानपुर गांव निवासी दीपक सरोज ने अपनी 27 वर्षीय पत्नी रीना देवी को बच्चेदानी के आपरेशन के लिए बरसठी बाजार स्थित लक्ष्यद्वीप हास्पिटल में 27 मई को भर्ती कराया। आरोप है कि आपरेशन के चार दिन बाद तबीयत बिगडऩे लगी। इस पर अस्पताल के संचालक डा। पंकज पटेल ने रीना को स्वजन के साथ लेजाकर मडिय़ाहूं में किसी अस्पताल में दिखाया, लेकिन आराम नहीं मिला। इस पर दीपक अपने ससुराल वालों के कहने पर उसे लेकर सुरियावां चला गया। वहां भी डाक्टरों ने जवाब दे दिया। इसके बाद स्वजन उसे लेकर बीएचयू गए। नाजुक हालत देख वहां भी डाक्टरों ने जवाब दे दिया। इस पर स्वजन वाराणसी में ही किसी निजी अस्पताल में भर्ती कराया जहां इलाज के दौरान गुरुवार की रात रीना की मौत हो गई। इससे आक्रोशित स्वजन रिश्तेदारों के साथ शव लेकर सीधे बरसठी बाजार स्थित लक्ष्यदीप हास्पिटल पहुंच गए व शव रखकर मार्ग अवरुद्ध कर दिया। जानकारी मिलते ही थानाध्यक्ष अरङ्क्षवद ङ्क्षसह फोर्स के साथ पहुंच गए। स्वजन ने डाक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि आपरेशन के दौरान यूरिन नली कट जाने से शरीर में इंफेक्शन हो गया। इसके कारण मौत हो गई। कुछ ही देर में सीओ मडिय़ाहूं उमाशंकर ङ्क्षसह, थानाध्यक्ष रामपुर लक्ष्मण विक्रम ङ्क्षसह भी मौके पर पहुंच गए। घरवालों को समझा-बुझाकर जाम हटवाने के साथ ही शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा। थाना प्रभारी अरङ्क्षवद ङ्क्षसह ने बताया कि अभी तहरीर नहीं मिली है। मिलने पर मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी। उधर, घटना के संबंध में चिकित्सा अधीक्षक बरसठी डा। अजय ङ्क्षसह ने कहा कि अस्पताल सील करते हुए उचित कार्रवाई की जा रही है। मृतका रीना की मौत के बाद परिवार बिखर गया। दो बच्चों में पांच वर्षीय दिव्यांश व तीन वर्षीय दिव्यांशी का रो-रोकर बुरा हाल है। पति दीपक भी पत्नी की मौत के बाद गमजदा है। वह ठेला चलाकर परिवार को जीवनयापन करता था।
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अवैध अस्पतालों पर आंखें मूंद बैठा है स्वास्थ्य विभाग
जासं, जौनपुर: नगर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में अवैध रूप से चल रहे अस्पतालों पर स्वास्थ्य विभाग अपनी आंखें मूंदकर बैठा है। आएदिन नीम हकीमों की ओर से किए जा रहे आपरेशन में मौत होने की घटनाएं सामने आ रही हैं, लेकिन इस पर न तो विभाग का ध्यान है न ही प्रशासन का। सीएमओ से लेकर अन्य अधिकारी स्वास्थ्य केंद्रों का निरीक्षण करने पहुंचते हैं, लेकिन अवैध अस्पतालों व नर्सिंग होम पर सभी नजर फेर लेते हैं। कार्रवाई भी की जाती है तो किसी के जान गंवाने के बाद। नीम हकीमों के इलाज से मरीजों का आर्थिक शोषण भी हो रहा है। ऐसे में जरूरी है कि कोरमपूर्ति के लिए नहीं, बल्कि अभियान के तहत ऐसे अस्पतालों पर कार्रवाई हो, जिससे जान जाने की बजाय मरीजों को समुचित इलाज मिल सके।