वाराणसी (ब्यूरो)। जौनपुर पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम ङ्क्षसह यादव के करीबी ज्योतिषी रहे रमेश चंद्र तिवारी की सरपतहां के ऊंचगांव में दरवाजे पर ही गोली मारकर 11 वर्ष पूर्व हत्या कर दी गई थी। इस मामले में अपर सत्र न्यायाधीश चतुर्थ रूपाली सक्सेना ने मंगलवार को शूटर विपुल समेत 12 दोषियों को हत्या, हत्या के प्रयास व दोनों के षड्यंत्र में आजीवन कारावास व प्रत्येक को 30-30 हजार रुपये अर्थदंड से दंडित किया।
शुभचिंतकों के साथ घर पर बैठ था
15 नवंबर 2012 की सुबह 9.45 बजे ज्योतिषी रमेश चंद्र तिवारी की उनके दरवाजे पर चढ़कर कार्बाइन व पिस्टल से गोलियां चलाकर बदमाशों ने हत्या कर दी थी। रमेश चंद्र तिवारी के भाई राजेश चंद्र तिवारी भी घायल हो गए थे। रमेश के भाई उमेश चंद्र तिवारी ने अज्ञात बदमाशों के खिलाफ उसी दिन शाम 8.15 बजे सरपतहां थाने में एफआइआर दर्ज कराया। कहा कि सुबह 9.45 बजे दरवाजे पर शुभङ्क्षचतकों के साथ बैठा था।
असलहा लहराते भागे
बातचीत के दौरान ही एक डिस्कवर बाइक से दो लोग पुलिस वर्दी में पहुंचे। बोले Óगुरु नमो नम:Ó इतने में ही वह लोग कार्बाइन व पिस्टल से ताबड़तोड़ भाई रमेश चंद्र तिवारी व राजेश चंद्र तिवारी पर गोलियां चला दिया। इसके बाद हवा में असलहा लहराते हुए भाग निकले। दोनों भाइयों को इलाज के लिए तत्काल सुल्तानपुर स्थित आस्था हास्पिटल ले जाया गया। जहां रमेश चंद्र तिवारी को डाक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। राजेश को पीजीआइ लखनऊ रेफर किया गया। उसके पूर्व गांव में कई मामलों में कुछ दबंग लोग दहशत फैलाने का कार्य करते रहे और कहते रहे की तिवारी परिवार को गोली से उड़ा दूंगा। पूर्व में कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय के टेंडर में भी हाक-टाक किया था। इसकी जानकारी विजय ङ्क्षसह व राजेश चंद्र तिवारी को है।
घटना षड्यंत्र पर आधारित
पूरी घटना षड्यंत्र पर आधारित है। पुलिस को मुखबिर की सूचना व आरोपितों के मोबाइल काल डिटेल व लोकेशन के आधार पर शूटर शेर बहादुर ङ्क्षसह उर्फ शेरू व विपुल ङ्क्षसह तथा हत्या के षड्यंत्र में धीरेंद्र ङ्क्षसह, झारखंडे ङ्क्षसह, सूबेदार ङ्क्षसह, कौशल किशोर ङ्क्षसह, विजय बहादुर ङ्क्षसह, वीरेंद्र बहादुर ङ्क्षसह, लाल शंकर उपाध्याय, अमित उर्फ पंडित, अरङ्क्षवद, शैलेंद्र, तन्नू ङ्क्षसह, अमरजीत ङ्क्षसह का नाम प्रकाश में आया। विवेचना से यह भी सामने आया कि ग्राम प्रधानी के चुनाव की भी रंजिश थी। इस दौरान शूटर शेर बहादुर ङ्क्षसह पुलिस एनकाउंटर में मारा गया। आरोपित झारखंडे ङ्क्षसह की दौरान मुकदमा मौत हो चुकी है। 13 आरोपितों के खिलाफ आरोप पत्र पुलिस ने 27 सितंबर 2013 को प्रस्तुत किया। सभी गिरफ्तार हुए। सभी की जमानत भी हुई।
कुल 19 गवाह पेश
आरोपित धीरेंद्र की जमानत सुप्रीम कोर्ट से हुई। इस दौरान कुल 19 गवाह पेश हुए। बहस के दौरान जीजीसी सतीश पांडेय व आशीष ङ्क्षसह ने मृत्युदंड से दंडित किए जाने की मांग किया। कोर्ट ने मामले को विरल से विरलतम नहीं पाया। कहा कि दंड ऐसा हो जिससे न्याय के उद्देश्य की पूर्ति हो सके। अपराध की प्रकृति, उसकी गंभीरता, दोष सिद्ध की पारिवारिक व आर्थिक स्थिति, दोष सिद्ध द्वारा अपराध कारित करने के लिए अपनाया गया ढंग, मामले के संपूर्ण तथ्य एवं परिस्थितियों पर विचार करना चाहिए। ऐसे में मंगलवार को कोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद 119 पेज में फैसला सुनाते हुए सभी दोषियों को उम्रकैद से दंडित किया।