वाराणसी (ब्यूरो)। नकली और नशीली दवा कारोबारियों ने तो काशी को बदनाम किया ही है अब एक आईवीएफ सेंटर नि:संतान दंपतियों को लूटने के मामले में सामने आया है। इसका खुलासा तब हुआ जब ड्रग विभाग की टीम ने सेंटर पर छापेमारी की। सेंटर पर एमआरपी से एक हजार रुपए अधिक दर पर दवा बेची जा रही थी। ड्रग विभाग की टीम ने मौके से लगभग 110 वायल दवा सीज की है। इसकी कीमत लगभग पांच लाख रुपए बताई जा रही है.
कार्रवाई से मचा हड़कंप
ड्रग विभाग के अफसरों की मानें तो शहर के आईवीएफ सेंटर में एनॉक्सप्रेन इंजेक्शन आईपी 300 एमजी की दवा एमआरपी से अधिक मूल्य पर बेचकर धनवसूली की जा रही थी। इस सूचना के आधार पर ड्रग विभाग की टीम ने आईवीएफ सेंटर में छापेमारी की तो शिकायत सच निकली। इसके बाद विभाग ने 110 वायल दवा को बेचने से रोकते हुए सील कर दिया। इस कार्रवाई से शहर के सभी आईवीएफ सेंटर में हड़कंप मची है.
अलग से चिपकाई पर्ची
कार्रवाई के दौरान ड्रग विभाग की टीम को गूफिक बायोसाइंस लिमिटेड कंपनी की दवा आईवीएफ सेंटर में धड़ल्ले से बिकती मिली। उसे चेक किया गया तो पता चला कि दवा पर अलग से चिपकी पर्ची पर एमआरपी 4999.00 लिखी है। जबकि दवा का निर्धारण मूल्य 3959.00 रुपए ही है। आईवीएफ सेंटर संचालक एक हजार रुपए अतिरिक्त लेकर दवा बेच रहा था.
ड्रग विभाग को दी सूचना
आईवीएफ सेंटर संचालक महाराष्ट्र से दवा मंगवाकर आईवीएफ सेंटर में धड़ल्ले से बेच रहा था। इसकी सूचना ड्रग विभाग ने महाराष्ट्र के ड्रग विभाग के अफसरों को भी दी है। ड्रग विभाग ने अफसरों ने बताया कि ड्रग प्राइज कंट्रोल आर्डन 1995 के प्राविधानों के का खुलेआम उल्लंघन किया है आईवीएफ संचालक ने.
आईवीएफ सेंटर संचालक पिछले कई सालों से इस तरह की दवाओं को महंगे दाम पर बेच रहा था। ऐसे कई आईवीएफ सेंटर टार्गेट पर हैं। सभी के यहां छापेमारी की कार्रवाई की जाएगी.
अमित कुमार बंसल, डीआई