वाराणसी (ब्यूरो)। उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम यात्रियों को सुरक्षित यात्रा का दम भरता है, लेकिन हकीकत कुछ और ही बयां कर रही हैं। लग्जरी बसें बाहर से तो शानदार दिखती हैं लेकिन अंदर सेे कितना मेनटेंन यह तो पैसेंजर्स के बैठने पर ही पता चल जाता है। वाराणसी रीजन के तहत आने वाले 60 फीसदी बसों में आग से सेफ्टी का कोई उपकरण ही नहीं है। कई की एसी खराब है तो कई के ब्लोअर। इनमें लग्जरी और नार्मल बसें दोनों शामिल हैं। इन बसों में कभी कोई हादसा हो तो सेफ निकलना मुश्किल हो जाएगा.
शोपीस बने प्राथमिक उपचार बाक्स
एक ओर जहां यात्रियों की सुरक्षा को लेकर परिवहन निगम व यातायात विभाग यातायात माह मनाया जा रहा है, वहीं रोडवेज के बेड़े में शामिल बसों के अंदर से अग्निशमन यंत्र व प्राथमिक उपचार बाक्स शोपीस बने हुए हैं। अगर किसी के साथ कोई घटना हो जाए तो ट्रीटमेंट के लिए भटकना पड़ेगा.
सुरक्षा के साथ खिलवाड़
चालक-परिचालक यात्रियों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। ऐसे में कभी भी कोई हादसा होने पर तत्काल कोई सहूलियत यात्रियों को नहीं मिल सकती है। कैंट बस अड्डे से रोजाना रवाना हो रही रोडवेज बेड़े में शामिल अनुबंधित बसें राम भरोसे चल रही है। यहां से चलने वाली 48 बसें और जनरथ व साधारण बसों से रोजाना भारी संख्या में यात्रियों का आवागमन होता है.
अग्निशमन यंत्र नदारद
वाराणसी परिक्षेत्र से संचालित 60 फीसदी बसें फिटनेस के मानक पर खरी नहीं हैं। बसों में न तो अग्निशमन यंत्र लगे हैं और न ही प्राथमिक उपचार बाक्स में ही कुछ है। कई में बाक्स तो लगा है लेकिन उनमें दवाओं की जगह कपड़े व अन्य सामान रखे हैं। जबकि रोडवेज के एमडी का सख्त आदेश के हैं कि रोडवेज बेड़े में शामिल बसों में अग्निशमन यंत्र व प्राथमिक उपचार बाक्स में दवाएं होनी चाहिए। बावजूद इसके अफसरों की उदासीनता के चलते जैसे-तैसे काम चलाया जा रहा है.
कई बसों की एसी और ब्लोअर खराब
पैसेंजर्स की सुविधा के लिए भले ही लग्जरी बसेंं चल रही हो लेकिन ज्यादातर बसों के एसी और ब्लोअर खराब हैं। इसको लेेकर आए दिन पैसेंजर्स और कंडक्टर में किचकिच होती रहती हैं.
कानपुर और लखनऊ के बीच जा रही बस में आग लगने की घटना के बाद सिटी के सभी बसों में अग्निशमन यंत्र लगाने का आदेश दिया गया हैं। यही नहीं बस में फस्र्ट एड बाक्स को दुरुस्त रखने को कहा गया हैं। एसी बसें हो या फिर लग्जरी सभी के एसी और ब्लोअर को ठीक करने को कहा गया हैं.
गौरव वर्मा, आरएम, वाराणसी रोडवेज परिक्षेत्र