वाराणसी (ब्यूरो)वाराणसी विकास प्राधिकरण की ध्वस्तीकरण की कार्रवाई भी गजब हैये शहर में अवैध प्लाटिंग तो ध्वस्त कर देते हैं, लेकिन शहर की गलियों व मोहल्लों में कई ऐसे मकान हैं जिनका बिना नक्शा के ही धड़ाधड़ निर्माण चल रहा है। 500 स्क्वायर फीट हो या फिर एक हजार स्क्वायर फीट, ऐसे निर्माणाधीन मकानों की शहर में बाढ़ सी आई हैहाल ये है कि एक महीने में वीडीए दस प्लाटिंग को ध्वस्त करता है तो गली-मोहल्लों में सैकड़ों मकान खड़े हो जाते हैंहालांकि विभाग को सूचना सभी निर्माणाधीन मकानों की रहती है, लेकिन ध्वस्तीकरण का एक्शन इसलिए नहीं कर पाते, क्योंकि उनका नक्शा एनओसी न मिलने से डिपार्टमेंट में ही फंसा रहता हैऐसे में लोग नक्शा का इंतजार किए बगैर ही मकानों का निर्माण शुरू कर देते है.

तीन एनओसी जरूरी

बड़ी-बड़ी बिल्डिंगों, प्लाटों के लिए तो दर्जनों एनओसी अनिवार्य है, लेकिन गली व मोहल्लों में बन रहे मकानों के लिए तीन एनओसी का पास होना जरूरी हैइनमें नगर निगम, जलकल और सिलिंग डिपार्टमेंट शाामिल हंैमकानों का नक्शा पास कराने के लिए इन विभागों से एनओसी पास कराने के लिए एड़ी से चोटी तक का जोर लगा देने के बाद भी 10 से 15 दिन का समय लग जाता हैगाहे-बगाहे अगर एनओसी एक विभाग से पास हो भी जाती है तो दूसरा विभाग उसमें रोड़ा अटका देता है.

काउंटर पर आदमी नहीं

काफी जद्दोजहद करने के बाद नगर निगम से एनओसी पास हो गया तो जलकल से एनओसी पास कराने में जुट जाते हैजब जलकल डिपार्टमेंट एनओसी पास कराने के लिए पहुंचते है तो पता चलता है कि काउंटर पर बैठा व्यक्ति अवकाश पर हैऐसे में वापस आना पड़ता हैफिर जब दूसरे दिन फिर विभाग जाते है तो पता चलता है कि कम्प्यूटर नहीं चल रहा हैइस तरह से एनओसी पास कराने के लिए लोगों को विभाग में परेड करना पड़ता हैकाफी जद्दोजहद के बाद अगर तीन विभागों से नोटिस पास हो भी जाता है तो वीडीए को नक्शा पास करने में काफी समय लग जाता हैइससे आजिज आकर लोग बिना नक्शे के ही मकान बनवाना शुरू कर देते है.

एमाउंट पड़ता है भारी

5 सौ स्क्वायर फीट हो या फिर एक हजार स्क्वायर फीट, नक्शा पास कराने में भारी-भरकम रकम लग ही जाती हैकई लोग अपनी गाढ़ी कमाई बचाने के लिए बिना नक्शा के ही मकान बनवाना शुरू कर देते हैनक्शा पास कराने के नियमों को इतना अधिक जटिल बना दिया गया है कि हर कोई इसमें उलझ कर रह जाता है और नक्शा भी पास नहीं हो पाता.

एनओसी पास है तो नक्शा पास होने में 15 दिन से अधिक का समय नही लगेगानक्शा पास कराना भी एक प्रक्रिया हैउसकी जांच-पड़ताल होने के बाद ही नक्शा पास होता है.

सुनील वर्मा, सचिव वीडीए