वाराणसी (ब्यूरो)। बीएचयू की छात्रा एवं भगत सिंह स्टूडेंट मोर्चा (बीएसएम) की अध्यक्ष आकांक्षा का लैपटॉप जैसे-जैसे एनआईए की टीम खंगाल रही है, उसी रफ्तार से चौंकाने वाली जानकारियां भी सामने आ रही हैं। एनआईए ने जब लैपटॉप से आंदोलन का फोल्डर खोला तो अब तक हुए तमाम आंदोलनों की तस्वीरें और खबरें सामने आ गईं। लगभग 100 से अधिक सक्रिय कार्यकर्ताओं के नाम भी सामने आए हैं, जिनकी भागीदारी इन आंदोलनों में रही। ये लोग बीएचयू के अलावा शहर के विभिन्न इलाकों में रहते हैं। एनआईए की टीम अब इन लोगों के बारे में इनपुट जुटानी शुरू कर दी है। इसमें कई लोगों का लोकेशन चंदौली और सोनभद्र भी मिला है। सोनभद्र पहले ही नक्सलियों का गढ़ रहा है.
बैकअप से राज निकालेगा एनटीआरओ
प्रतिबंधित संगठन के सदस्यों की सक्रिय सहभागिता के साक्ष्य भी बरामद कर एनआईए आगे की कार्रवाई में जुट गई है। एनआईए को आशंका है कि लैपटाप से बहुत सारा डाटा डिलीट भी किया गया है। इसका बैकअप पाने के लिए इसे राष्ट्रीय तकनीकी अनुसंधान संगठन (एनटीआरओ) लैब में भेजा जाएगा। वहीं इंटेलीजेंस समेत अन्य सुरक्षा एजेंसियों से संगठन और उनके कार्यकर्ताओं का डाटा खंगाला जा रहा है। अब एनआईए बड़े शहरों में पनपते नक्सलवाद और सरकार विरोधी गतिविधियों को जड़ से समाप्त करने में जुटेगी.
बीएसएम की जड़ें खोदेगी टीम
छात्रों के सहारे प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन को पुनर्जीवित करने के लिए सीपीआई (माओवादी) के नेताओं, कैडरों की सूची भी एनआईए के हाथ लगी है। अब ऐसे तमाम नेताओं और संदिग्धों की सूची तैयार कर रही है। इसके आधार पर एजेंसी बीएचयू, पूर्वांचल समेत समूचे उप्र में बीएसएम और पीयूसीएल की जड़ें खोदेगी। अर्बन नक्सलियों से तार जुड़े होने के इनपुट मिलने के बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी यूपी, बिहार, झारखंड तक संस्थानों में नेटवर्क खंगाल रही है.
कई प्रोफेसरों की सहभागिता सामने आई
एनआईए ने बीएचयू के छात्र संगठन भगत सिंह स्टूडेंट मोर्चा (बीएसएम) के दफ्तर से कई दस्तावेज बरामद किए। इलेक्ट्रानिक डिवाइस में लैपटॉप, मोबाइल और पैन ड्राइव भी मिली। मोबाइल फोन, लैपटॉप, पेन ड्राइव, कॉम्पैक्ट डिस्क और मेमोरी कार्ड सहित कई डिजिटल उपकरण जब्त कर लिए। एनआईए ने इन सभी दस्तावेजों और इलेक्ट्रानिक एवीडेंस की पड़ताल शुरू की तो चौकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। इन दस्तावेजों और लैपटाप मोबाइल में कुछ प्रोफेसरों के नंबर और जानकारी मिली, जिनका इस संगठन के साथ गहरा जुड़ाव भी नजर आया.
यूपी में नक्सली संगठनों को खड़ा करने का प्लान
एनआईए का दावा है कि सीपीआई (माओवादी) से जुड़े कई फ्रंटल संगठनों और छात्र विंगों को भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेडऩे के इरादे से कैडरों की भर्ती की जा रही थी। खासतौर से यूपी और बिहार में फिर से नक्सली संगठनों को खड़ा किया जा रहा है। ये सभी लोग मिलकर आतंक और हिंसा की साजिश भी रच रहे थे। एनआईए की जांच में खुलासा हुआ है कि प्रमोद मिश्रा सीपीआई (माओवादी) से जुड़े कैडरों, समर्थकों और ओवरग्राउंड वर्कर (ओजीडब्ल्यू) का नेता है, जो सभी संगठनों को बिहार और यूपी में फिर से खड़ा करने के मिशन पर लगा हुआ है.
हथियार के लिए बनाया था सेंटर
एनआईए के मुताबिक नक्सली मूवमेंट के बहाने जरायम की घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है। अवैध हथियारों की सप्लाई, लूट, अपहरण जैसी घटनाओं में इनकी संलिप्ता उजागर हुई है। एक माह पहले बिहार पुलिस ने हथियार, गोला-बारूद और एक बंदूक फैक्ट्री जब्त की थी, जहां बिहार और यूपी में हथियारों के हिस्से बनाने और देशी हथियारों को इक_ा करने के लिए एक सेंटर बनाया गया था। फरवरी में सोनभद्र में लूटकांड का खुलासा करने के बाद पुलिस पर नक्सलियों ने हमला कर दिया। मुठभेड़ में पुलिस ने दो नक्सलियों को दबोच लिया था। यह घटना चोपन थाना पुलिस की ओर से लूट की एक घटना के खुलासे के बाद सामने आई है। इस वारदात में नक्सलियों के शामिल होने की बात भी कही जा रही है। इसके बाद बिहार के सासाराम में किसी बड़े व्यवसायी की हत्या-लूट करने की योजना थी.